पार्षदों ने नप अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठाये सवाल
डीएमसी के साथ चली एक घंटा बैठक बृहस्पतिवार को नगर परिषद कार्यालय में जिला नगर आयुक्त द्वारा पार्षदों के साथ शहर के विकास कार्यों को लेकर बैठक हुई। पार्षदों ने नगर परिषद के अधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप लगाते...
डीएमसी के साथ चली एक घंटा बैठक
बृहस्पतिवार को नगर परिषद कार्यालय में जिला नगर आयुक्त द्वारा पार्षदों के साथ शहर के विकास कार्यों को लेकर बैठक हुई। पार्षदों ने नगर परिषद के अधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप लगाते हुए दो कनिष्ठ अभियंताओं के तबादले की मांग की।
डीएमसी के समक्ष अधिकारियों की कार्यप्रणाली की शिकायत करते हुए पार्षदों ने कहा कि वे जन प्रतिनिधि हैं। अधिकारी उनकी सुनते नहीं, यहां तक कि जेई भी उनका फोन तक नहीं उठता तथा उनका व्यवहार भी पार्षदों के साथ सही नहीं है।
डीएमसी अनुराग ढालिया ने एक बार तो बैठक में केवल पार्षदों को ही शामिल होने का आदेश दिया तथा पार्षदों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य देख रहे उनके रिश्तेदारों को बैठक से बाहर निकाल दिया। लेकिन पार्षदों के विरोध के बाद डीएमसी ने उन्हें बैठक में आने की अनुमति दे दी।
पार्षदों ने सामूहिक रूप से विकास कार्यों व अन्य 32कार्यों की सूची डीएमसी के समक्ष रखी। इसमें शहर को आवारा कुत्तों, बंदरों व पशुओं से मुक्त करवाने, चिल्ली झील के सौंदर्यीकरण से अवगत करवाने पार्कों आदि के लिए नए बेच खरीदे जाने की मांग की। इसके अलावा सभी 27पार्षदों ने उनके वार्ड में विकास कार्य करवाने व गलियों की मरम्मत करवाने के लिए प्रति वार्ड दस लाख का टेंडर तुरंत लगाने की मांग की।

