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पार्षद पर 50 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, केस

रिकॉर्डिंग के आधार पर एसीबी अम्बाला ने की कार्रवाई, 6 लाख रुपये पहले नकद देने का कहा
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जीत सिंह सैनी / निस

गुहला चीका, 21 जून

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एंटी करप्शन ब्यूरो ने नगर पालिका चीका के एक पार्षद पर वोट के बदले नोट मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोप है कि पार्षद ने नगर पालिका उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने की एवज में खुद व अपने 2 साथी पार्षदों के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अम्बाला ने फिलहाल एक पार्षद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान अगर अन्य पार्षद भी इस मामले में संलिप्त पाए गए तो बाद में उनके नाम भी एफआईआर में शामिल किए जाएंगे।

यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब चीका के हुडा कॉलोनी के विजय कुमार ने एसीबी को दी शिकायत मेें कहा कि वह नगर पालिका अध्यक्ष रेखा रानी और उपाध्यक्ष पूर्जा रानी का विश्वस्त सहयोगी है। कुछ समय से नगर पालिका में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा चल रही थी। इस संदर्भ में तीन पार्षद ने उससे यानि विजय से संपर्क किया और कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं होंगे, बशर्ते उन्हें वोट के बदले 50 लाख रुपये दे दिए जाएं।

विजय ने बताया कि बातचीत में पार्षदों ने 6 लाख रुपये अग्रिम रूप से नकद देने की मांग की और बाकी राशि बाद में लेने की बात कही। शिकायतकर्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत के सभी अंश उसने रिकॉर्ड कर लिए थे और यह रिकॉर्डिंग एसीबी को सौंपी है। विजय ने आरोप लगाया कि जब पार्षदों को शक हुआ कि वह कानूनी कार्रवाई करा सकता है, तो उन्होंने रिश्वत लेने से इंकार कर दिया, लेकिन विजय कुमार ने एसीबी से संपर्क कर बनती कार्रवाई की मांग की। वहीं एसीबी अम्बाला के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि प्राप्त रिकॉर्डिंग और तथ्यों के आधार पर पार्षद जितेन्द्र के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

इधर, अविश्वास प्रस्ताव पर संकट के बादल

12 पार्षद डीसी कैथल को नगर पालिका उपाध्यक्ष पूजा शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र देकर आए थे, उनमें उक्त तीनों पार्षद भी शामिल हैं। समाचार सोशल मीडिया पर फैलते ही पार्षदों ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। विरोधी पक्ष उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा, इसलिए लगता है कि 3 जुलाई का अविश्वास प्रस्ताव शायद ही सिरे चढ़ पाए। वहीं बृहस्पतिवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एकजुटता फोटो खिंचवाने के बाद आरोपों के घेरे में आए तीनों पार्षद अपने दो अन्य पार्षद मित्रों के साथ भारी गर्मी से निजात पाने के लिए देश के किसी ठंडे स्थान के लिए निकल गए हैं। जानकारी के अनुसार अभी तक वापस नहीं लौटे। फिलहाल उनका पक्ष जानने के लिए उनके फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।

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