कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटियों का धान पर कमीशन बढ़ाने की मांग
हरियाणा सहकारी विपणन समिति कर्मचारी यूनियन के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र मलिक ने शनिवार को पानीपत मंडी स्थित कार्यालय में कहा कि हैफेड के अंतर्गत प्रदेश में मंडी स्तर पर 69 सहकारी समितियां (सीएमएस) कार्यरत हैं, जोकि मंडियों में किसानों की फसल खरीदने का काम करती हैं। इन समितियों को हैफेड द्वारा गेहूं की खरीद पर 1.33 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन मिलता है और धान की खरीद पर एमएसपी का 0.25 प्रतिशत की दर से कमीशन मिलता है, जोकि करीब 5.90 रुपये प्रति क्विंटल बनता है। यूनियन गेहूं पर मिलने वाले कमीशन 1.33 रुपये में बढ़ोतरी की मांग कर रही थी, लेकिन हैफेड के प्रबंध निदेशक ने पिछले माह 29 सितंबर को धान की खरीद पर मिलने वाले कमीशन 5.90 रुपये प्रति क्विंटल को घटाकर 1.33 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इससे पानीपत समेत प्रदेशभर की समितियों में कार्यरत कर्मचारियों में रोष है। विरोध में प्रदेश की समितियों के कर्मचारियों ने हाल ही में पंचकूला हैफेड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था और यूनियन ने अल्टीमेटम दिया कि यदि 6 अक्तूबर तक समाधान नहीं हुआ तो कर्मचारी 7 अक्तूबर से हड़ताल पर चले जाएंगे। पानीपत में कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी की पानीपत, समालखा व मतलौडा की अनाज मंडियों में 3 दुकानें है, जहां हैफेड के लिये किसानों की गेहूं, धान व सरसो की खरीद का कार्य किया जाता है और किसानों को खाद, बीज व पेस्टीसाईड भी बेची जाती है। जिला में हैफेड व एचडब्ल्यूसी द्वारा धान की खरीद की जा रही है। इन्हीं मार्केटिंग सोसाइटी द्वारा इसराना, बापौली व समालखा की अनाज मंडियों में हैफेड के लिये पीआर धान की सरकारी खरीद की जा रही है। सीएमएस पानीपत के सहायक प्रबंधक एवं प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र मलिक ने बताया कि यदि सरकार ने यूनियन की मांग को नहीं माना तो पानीपत की तीनों सीएमएस समेत प्रदेश की सभी 69 समितियां 7 से लेकर 10 अक्तूबर तक 3 दिवसीय हड़ताल करेगी और हैफेड के डीएम कार्यालय पर धरना देंगे। वहीं हैफेड के डीएम कृपाल दास अरोड़ा ने कहा कि यह सिर्फ पानीपत का मामला नहीं है, यह पूरे प्रदेश का मामला है और इसमें सरकार ही फैसला करेगी।