राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने संविधान को भारतीय संस्कृति के आधार पर देखने की आवश्यकता पर बल दिया। वह पट्टीकल्याणा स्थित श्री माधव सेवा न्यास में चल रहे अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तेरहवें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सुरेश सोनी ने नयी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी को समझ कर आगे बढ़कर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संविधान भरतीय संस्कृति पर आधारित हो, यह संदेश हमें लोगों तक पहुंचाना होगा। इसके प्रचार-प्रसार के लिए हर क्षेत्रों में सेमिनार लगाना होगा। लोगों को जागरूक करना होगा, तभी हम जनता तक अपनी बात पहुंचा सकेंगे।
कार्यकारिणी सदस्य हेमंत मजूमदार ने कहा कि महाअधिवेशन कई संस्कृति के मिलन का गवाह बना है। हरियाणा में यह पहली बार हुआ है, जब यहां की संस्कृतियों के बारे ज्ञान अर्जित करने का अवसर हमें मिला। हम सभी को इससे बहुत कुछ सीखने को मिला। इससे देश के इतिहास और संस्कृति के लिए काम करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा को कार्यकारिणी का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके सानिध्य में इतिहास संकलन को गति मिलेगी।

