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फतेहाबाद में भाजपा संगठन व पूर्व विधायक में छिड़ी ‘कोल्ड वार’

जिप चेयरपर्सन की कुर्सी का विवाद : बागी पार्षद बोले- हटाकर ही दम लेंगे
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फतेहाबाद के पूर्व विधायक व भाजपा जिला संगठन के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा। जिला परिषद की कुर्सी को लेकर रस्साकशी की बात हो या फिर ई-मेल विवाद, दोनों ही घटनाक्रम फतेहाबाद में चर्चा का विषय बन हुए हैं। दोनों पक्षों के लोग भले ही सीधे तौर पर कुछ न कह रहे हों, मगर दोनों पक्षों में चल रहे ‘कोल्ड वार’ पर लोग नजर बनाए हुए हैं।

जिला परिषद् चेयरपर्सन के खिलाफ हुई बगावत को पूर्व विधायक के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है। हालांकि 18 पार्षदों में से 12 पार्षदों के बगावती रुख अपनाने के बाद भी लगता है कि अब यह मुहिम टांय-टांय फुस्स हो गई है। सूत्रों के अनुसार शनिवार को सभी बागी पार्षदों को जिला प्रधान प्रवीण जोड़ा मनाने में कामयाब हो गए। बगावती सभी 12 पार्षद शनिवार को जिला प्रधान प्रवीण जोड़ा के साथ गांव कालोठा में आयोजित मेले में कुश्ती मैच के दौरान साथ थे। प्रवीण जोड़ा ने दावा किया कि सभी जिला पार्षद भाजपा के है। उन्होंने दावा किया कि चेयरपर्सन सुमन खीचड़ ही रहेंगी।

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बता दें कि 24 जुलाई को जिला परिषद् के 18 में से 12 सदस्यों ने डीसी से चेयरपर्सन के प्रति अविश्वास व्यक्त करते हुए बैठक बुलाने की मांग की थी। चर्चा है कि उससे पहले बागी पार्षद पूर्व विधायक दूड़ा राम से मिले थे। विदित रहे कि पूर्व विधायक दूड़ा राम व जिला परिषद् चेयरपर्सन सुमन खीचड़ के संबंध गत विधानसभा चुनावों में काफी बिगड़ हो गए थे। हालांकि दोनों एक ही समुदाय से हैं। सुमन को चेयरपर्सन बनाने में दूड़ा राम का अहम योगदान था, लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले टिकट को लेकर चेयरपर्सन व उसके पति सुभाष खीचड़ ने टिकट के एक अन्य दावेदार की रैली करवाने में मदद की थी और उसका समर्थन किया था। जिस कारण दोनों के बीच संबंध बिगड़ते चले गए। अब चेयरपर्सन सुमन खीचड़ जिला भाजपा की उपाध्यक्ष भी हैं। जिस कारण उनकी कुर्सी पर संकट आते ही भाजपा संगठन सक्रिय हो गया और प्रवीण जोड़ा ने उनकी कुर्सी को अपनी नाक का सवाल बना लिया। वहीं भाजपा जिला प्रधान ने पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली से भी मिलकर सुमन खीचड़ को सहयोग देने के लिए कहा। हाइकोर्ट में अविश्वास बैठक की तारीख को लेकर याचिका दाखिल करने वाला पार्षद भी बबली समर्थक था। जिला प्रधान से मुलाकात के बाद बबली समर्थक पार्षद ने याचिका वापस ले ली थी। बागी पार्षदों का नेतृत्व कर रहे पार्षद बंटी गढ़वाल ने दावा किया कि सभी पार्षद चेयरपर्सन की कार्यप्रणाली को लेकर खफा है। उन्हें पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, दूड़ा राम तथा भाजपा का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि कुल 12 पार्षदों में से 9 पार्षद तो भाजपाई हैं। यह स्वाभिमान की लड़ाई है, वे चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाकर ही दम लेंगे।

प्रेस नोट पर भी विवाद

इसी बीच पूर्व विधायक दुड़ाराम की तरफ से जारी एक प्रेस नोट पर भी विवाद खड़ा हो हो गया। पार्टी संगठन ने प्रेस नोट को अनऑफिशियल बता दिया। जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया। उक्त प्रेस नोट भाजपा न्यूज हरियाणा नाम की ई-मेल आईडी से जारी हुआ था, जिसमें भाजपा कार्यालय में विभाजन विभीषिका पर हुई बैठक में दुड़ाराम द्वारा दिए भाषण के अंश व फोटो थे, जबकि अन्य किसी नेता का नाम या फोटो नहीं था। शुक्रवार को जिला भाजपा कार्यालय में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी और तिरंगा यात्रा को लेकर बैठक हुई। इसमें स्टारएक्स यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. अशोक दिवाकर मुख्य वक्ता थे।

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