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माजरा दूबलधन में हर घर में नल के दावे झूठे, कई घरों में कनेक्शन ही नहीं

झज्जर जिले के माजरा दूबलधन गांव में हर घर में नल से जल के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। यहां की आधी से अधिक आबादी के घरों में पेयजल कनेक्शन नहीं है। अब विभाग ने पेयजल के लिए कनेक्शन...
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झज्जर जिले के गांव माजरा दूबलधन के गांव का जलघर ।-हप्र
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झज्जर जिले के माजरा दूबलधन गांव में हर घर में नल से जल के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। यहां की आधी से अधिक आबादी के घरों में पेयजल कनेक्शन नहीं है। अब विभाग ने पेयजल के लिए कनेक्शन शुल्क का फरमान जारी कर दिया है जो कि पेयजल उपभोक्ताओं के साथ न्याय नहीं है। यदि हम इस गांव की पेयजल व्यवस्था को देखें तो कनेक्शनशुदा मोहल्लों में भी सप्ताह में दो बार पेयजल उपलब्ध होता है। जबकि सरकार हर परिवार को 500 लीटर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करने के दावे पेश करती है। यहां की पेयजल व्यवस्था दयनीय हालत में है,बल्कि 1968 से लेकर 1990 तक यहां पर हर आदमी को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध होता था।

हर घर में नल मुहिम का सच-बूस्टरों की सप्लाई लाइन में अवैध कनेक्शन

अमर शहीद मेजर महेंद्र सिंह की शहादत का तोहफा सरकार ने उस समय माजरा को दिया था, परंतु यह तोहफा गांव के लिए पेयजल व्यवस्था का शो पीस बना कर रह गया है। माजरा दूबलधन के जलघर की दुर्दशा यहां की दयनीय पेयजल व्यवस्था का स्पष्ट बयान करती है। इसकी चारदीवारी आवारा पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है। खरपतवार और जलभराव से इसका परिसर अटा पड़ा है। सन 1966 में बना एस-एस टैंक बिल्कुल जर्जर हालत में है। इसकी चारदीवारी गिर चुकी है, जिसमें चौवे का खराब पानी पेयजल में मिलता रहता है। वैसे भी चौवा 4 फीट पर है तथा इस टैंक की गहराई 12 फीट है। इसमें आर्सेनिकयुक्त जल मिलता रहता है, जिससे कैंसर जैसे जल जनित रोग गांव में पैर पसार रहे हैं।

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हाई लेवल टैंक में रिसाव की समस्या

पंपिंग चेंबर के चार पंप मोटरसैटों में से तीन की हांडी खराब हो चुकी है,यह लीकेज के पानी से भरा रहने के कारण ऑपरेटर को करंट के खतरे के साए में काम करना पड़ता है। हाई लेवल टैंक भी रिसाव की समस्या से ग्रस्त है। क्लियर वॉटर पंपिंग सेट, ब्लीचिंग पाउडर होदी तथा जलघर के अंदर की पाइपलाइन भी जवाब दे गई है। सर्विस लाइन व सप्लाई लाइनों की तकनीकी व्यवस्था करने में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नाकामयाब रहा है। सर्विस लाइनों में सैकड़ों अवैध कनेक्शन के कारण जरूरतमंदों को पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा।

बूस्टरों की सप्लाई लाइन में भी 50 से ऊपर अवैध कनेक्शन है जिसके ऊपर आज तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। कालियाला का बूस्टिंग स्टेशन भी जल भराव की चपेट में आ गया है और वह खस्ता हालत में है। पंप चेंबर को भी राम भरोसे खुला छोड़ दिया जाता है। चौकीदार वगैरा की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले 11 वर्षों से पाइपलाइन आपूर्ति के लिए काम चल रहा है। इससे गांव की सभी गलियां उखाड़ दी गई है। देसी वाला कॉलोनी, छोटू राम बस्ती व हरिजन बस्तियों में पेयजल ने अब तक दस्तक नहीं दी है।

अभियान पर यह बोले पूर्व सरपंच नरेन्द्र कादयान

पूर्व सरपंच नरेंद्र कादयान का कहना है कि जल घर का विस्तारीकरण वअपडेटीकरण करके हर घर में नल के जल की व्यवस्था होनी चाहिए। ऊंची बस्तियों व सघन मौहलों में पेयजल की वांछित सप्लाई की व्यवस्था होनी चाहिए। पूर्व जिला पार्षद मास्टर जय भगवान का मानना है कि जलघर के अंदर के टैंकों व पंप सिस्टम के अपडेटीकरण करके पेयजल की व्यवस्था ठीक हो। डॉक्टर दयानंद कादयान ने कहा कि जल घर की पेयजल व्यवस्था के दुरुस्तीकरण के लिए पिछले 5 वर्षों में आठ बार सीएम विंडो में गुहार लगा चुका हूं, परंतु अब तक पेयजल की आपूर्ति सुचारू व्यवस्था नहीं हो पाई है।

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