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संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के संवाहक होते हैं बच्चे : श्रीप्रकाश मिश्र

बाल संस्कार राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चों को सही संस्कार देकर, हम एक बेहतर और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। बच्चे संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के संवाहक होते हैं। बाल संस्कार से राष्ट्र निर्माण का...
कुरुक्षेत्र में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम के अवसर पर मौजूद बच्चे व अतिथि। -हप्र
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बाल संस्कार राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चों को सही संस्कार देकर, हम एक बेहतर और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। बच्चे संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के संवाहक होते हैं। बाल संस्कार से राष्ट्र निर्माण का अर्थ है, बच्चों को सही संस्कार देकर, उन्हें एक जिम्मेदार और देशभक्त नागरिक बनाना, जो राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकें। ये उद्गार मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा ‘राष्ट्र निर्माण में बाल संस्कार की भूमिका’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में मिशन के संस्थापक डाॅ. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों ने कविता एवं गीत प्रस्तुत किये।

परिचर्चा कार्यक्रम को समाजसेवी विजय सैनी ने बतौर अतिविशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए कहा मातृभूमि सेवा मिशन समाज के जरूरतमंद के सर्वांगीण कर उन्हे राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाने का श्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। सभी अतिथियों को मातृभूमि सेवा मिशन की ओर अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दीपक कुमार थे। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में किरण, पवन पांडेय सहित आश्रम के विद्यार्थी, सदस्य आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ।

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