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बारीक धान का भी समर्थन मूल्य घोषित करें केंद्र : राजीव आर्य

कैथल, 7 जून (हप्र) युवा भाकियू हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि मोटे धान के समर्थन मूल्य पर पूर्नविचार करने के साथ-साथ बारीक धान का भी समर्थन मूल्य घोषित करे। सरकार द्वारा...
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कैथल में युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड व अन्य बातचीत करते हुए। -हप्र
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कैथल, 7 जून (हप्र)

युवा भाकियू हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि मोटे धान के समर्थन मूल्य पर पूर्नविचार करने के साथ-साथ बारीक धान का भी समर्थन मूल्य घोषित करे।

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सरकार द्वारा केवल 3 प्रतिशत की वृद्धि करके मोटे धान का जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 2389 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है, वह लागत मूल्य से काफी कम है, जबकि सरकार लागत से डेढ़ गुणा होने का दावा कर रही है।

सरकार इस पर पूर्नविचार करें। ढांड में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजीव आर्य ढांड ने कहा कि किसान लगभग 50 प्रतिशत धान बारीक लगाते है। मंडियों में इस किस्म धान का समर्थन मूल्य न होने के कारण कोई सरकारी खरीद नहीं है। जिस कारण से व्यापारी किसानों की इस फसल को उत्पादन पर आने वाले खर्च के हिसाब से काफी कम मूल्य पर खरीद करते हैं। जिस कारण से किसान कर्ज बंध होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ जमीन में मोटा धान न होकर बारीक धान का ही उत्पादन होता है और इसी कारण से किसान मजबूरी वश बारीक धान का उत्पादन करता है।

उन्होंने मांग की है की शुद्ध बासमती धान का समर्थन मूल्य 6 हजार तथा बाकी की बारीक धान का समर्थन मूल्य 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए ताकि किसान कर्ज बंधन से मुक्त हो सके।

किसान नेता राजीव आर्य ढांड ने कहा कि खेतों के लिए नए बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन लेने के लिए किसान निगम कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर है। उन्होंने कहा कि धान का सीजन इसी माह दूसरे सप्ताह बाद शुरू हो जाएगा, जिसके लिए किसानों को पानी की जरूरत पड़ेगी, लेकिन निगम की मनमर्जी धरतीपुत्र किसानों पर भारी पड़ रही है।

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