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एमडीयू में महिला सफाईकर्मियों से बदसलूकी का मामला पहुंचा चंडीगढ़, दो सुपरवाइज़र निलंबित

सफाई कर्मचारी आयोग अध्यक्ष ने की तीन घंटे की बैठक, मामला पुलिस को सौंपा गया
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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिला सफाईकर्मियों से कथित बदसलूकी का मामला अब चंडीगढ़ तक पहुँच गया है। इस गंभीर प्रकरण पर कार्रवाई के लिए मंगलवार देर शाम हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष कृष्ण कुमार स्वयं रोहतक पहुँचे। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, कर्मचारी प्रतिनिधियों और छात्र नेताओं के साथ राधाकृष्णन सभागार में करीब तीन घंटे लंबी बैठक की।

बैठक में आयोग अध्यक्ष ने एचकेआरएन (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) के अधीन कार्यरत सफाई कर्मचारियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और स्पष्ट नीति तैयार करने के निर्देश दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई के लिए चार दिन का समय मांगा है।

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एमडीयू प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए दो सैनिटरी सुपरवाइज़र को निलंबित कर दिया है, जबकि तीसरा आरोपित फिलहाल अवकाश पर है। महिला सफाईकर्मियों ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मंगलवार सुबह कर्मचारी बड़ी संख्या में राधाकृष्णन सभागार के पास एकत्र हुए। विश्वविद्यालय ने यह मामला पुलिस को सौंप दिया है और जांच के लिए इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (आईसीसी) की बैठक बुधवार को बुलाई गई है।

बैठक में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं और कार्य परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई। आयोग अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि एचकेआरएन के सफाई कर्मचारियों के लिए स्पष्ट नियमावली बनाकर उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिए जाएँ।

बैठक में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत गुप्ता, संपदा अधिकारी डॉ. भगत सिंह, नगर निगम मेयर रामअवतार वाल्मीकि, शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. विकास सिवाच, गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ अध्यक्ष अनिल मल्होत्रा, तथा छात्र नेता प्रदीप मोटा और विक्रम डूमोलिया मौजूद रहे। हालांकि, छात्र नेताओं ने बैठक के दौरान यह कहते हुए वाकआउट कर दिया कि किसी की बात नहीं सुनी जा रही और सब कुछ पहले से तय लग रहा है।

ये है मामला

रविवार को राज्यपाल के दौरे के दौरान एमडीयू परिसर में महिला सफाईकर्मियों ने आरोप लगाया था कि माहवारी के कारण अवकाश मांगने पर एक सुपरवाइज़र ने उनकी बात अनसुनी करते हुए कथित रूप से कपड़े उतरवाए और फोटो लिए। इस घटना से कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया था और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए विवि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो कर्मचारियों को निलंबित किया है। प्रकरण की जांच प्रोफेसर-इन-चार्ज डॉ. भगत सिंह की देखरेख में की जा रही है। कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने बताया कि 27 अक्तूबर को शिकायत प्राप्त हुई थी और इसे विश्वविद्यालय की इंटरनल शिकायत समिति को सौंपा गया है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, साथ ही पुलिस जांच भी जारी है।

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