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फर्जी इनकम व प्लॉट दिखाकर ‘गरीबों’ को बना दिया ‘अमीर’

सिस्टम की लापरवाही... गांव नौहनी में 40 से अधिक बीपीएल परिवारों के राशन कार्ड कटे
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बराड़ा में फैमिली आईडी की कमियों की जानकारी देते गांव नौहनी के ग्रामीण।  -निस
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  • परेशान ग्रामीण अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर

गांव नौहनी के गरीब व जरूरतमंद परिवार इन दिनों सरकारी सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। अचानक फैमिली आईडी में इनकम बढ़ने और फैमली आईडी में प्लॉट होने के चलते गांव के लगभग 35 से 40 बीपीएल परिवारों के राशन कार्ड रद्द हो चुके हैं, इससे नाराज ग्रामीण पिछले कई दिनों से सीएससी केंद्र, बीडीपीओ कार्यालय और अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन इन लोगो की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष है।

नौहनी के पीड़ित अमरजीत सिंह ने बताया कि उसकी फैमिली आईडी में उसके नाम पर उसके पड़ोसी भूपेंद्र सिंह के 2 प्लॉट दर्ज कर दिए गए। इतना ही नहीं उसकी फैमली की इनकम भी सीधे 5 लाख रुपये दिखा दी गई जिसका नतीजा यह हुआ कि उसका बीपीएल राशन कार्ड कट गया और अब उसे अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मंजू देवी ने बताया कि एक विधवा है, जब उनके बच्चों ने सीईटी का फॉर्म भरने के लिए सीएससी में दस्तावेज दिखाए तो उन्हें पता चला कि उनकी फैमिली आईडी में इनकम बढ़ा दी गई, जिससे उनका बीपीएल राशन कार्ड कट गया।

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बुजुर्ग जसमेर ने बताया कि उनके परिवार में सिर्फ वो और उसकी पत्नी हैं। दोनों बुजुर्ग हैं और गरीब हैं, लेकिन उनकी फैमली आईडी में 4 अगल-अलग प्लॉट दिखा दिए गए। ये चारो प्लॉट 468.28 वर्ग गज क्षेत्रफल के हैं। जिस कारण उनका राशन कार्ड कट गया है। परेशान होकर अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं रवि कुमार ने बताया कि उसकी फैमिली आईडी में इनकम को 1.80 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं है। इससे उनके परिवार को 2 महीने से राशन नहीं मिल पाया और वे इनकम कम करवाने के लिए भटक रहे हैं। नौहनी के पवन कुमार ने बताया कि उएसकी फैमली आईडी में 4-5 प्लॉट दिखाकर उनका भी बीपीएल राशन कार्ड काट दिया गया।

फैमिली आईडी में गलत डेटा बन रहा मुसीबत

जानकारी के अनुसार नौहनी में लगभग 40 ऐसे परिवार हैं, जिनकी फैमली आईडी में गलत इनकम व गलत जानकारी से उनके बीपीएल कार्ड काट दिए गए। गांव के पवन कुमार, राजेश कुमार, सोहन लाल, हुकम चंद व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि फैमिली आईडी प्रणाली, जिसे सरकार ने पारदर्शिता और लाभार्थी पहचान के लिए शुरू किया था, अब जनता के लिए सिरदर्द बन चुकी है। कभी किसी के नाम फर्जी प्लॉट जुड़ जाते हैं तो कभी आय अपने आप बढ़ जाती है। यह सिस्टम गरीबों को ‘कागज़ों में अमीर’ बना रहा है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है। ग्रामीणों ने सीएम नायब सैनी से मांग की कि फैमिली आईडी से जुड़ी इन गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और जिनका राशन गलत तरीके से काटा गया है, उन्हें तुरंत राहत दी जाए। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे फैमिली आईडी अपडेट की प्रक्रिया को सरल और जवाबदेह बनाएं।

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