रक्षाबंधन पर बसों में रही भीड़, महिलाओं ने झेली परेशानी
राखी पर महिलाओं को मुफ्त यात्रा का सरकारी तोहफा महिलाओं के ही गले की फांस बन गया। मुफ्त में यात्रा की उनकी ख्वाहिश अधूरी रह गई। किसी का बच्चा बस से गिरा तो किसी का बैग, कोई भीड़ के कारण चढ़ नहीं पाई। पूरी तरह अव्यवस्थित यातायात सुविधाओं के कारण हर बार की तरह इस बार भी महिलाओं को प्राइवेट वाहनों की सवारी करनी पड़ी। बसों में भीड़ का आलम देखकर कोई चढ़ने की हिम्मत नहीं कर पाया। सुबह से ही महिलाएं बस स्टैंड पर जुटना शुरू हो गई थीं। जैसे ही कोई बस आती तो सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं चढ़ने का प्रयास करतीं। बसें पीछे से ही भरी हुई आने के कारण ज्यादातर ड्राइवरों ने बसों को रोका ही नहीं। सुनीता को दिल्ली जाना था वह सुबह शाहाबाद बस स्टैंड पर आई और काफी देर तक वह बस में नही चढ़ पाई क्योंकि उसके पास सामान के साथ-साथ 2 छोटे बच्चे भी थे। महिला का कहना था कि अगर सरकार कोई सुविधा देती है तो उसके लिए व्यापक प्रबंध भी किए जाने चाहिए। दूसरी ओर प्राइवेट वाहनों ने जमकर चांदी कूटी क्योंकि छोटे रूट व लिंक रोड पर परिवहन की बसों का शेडयूल कम होता है।