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रक्षाबंधन पर्व पर बन रहा बुधादित्य योग : आचार्य त्रिलोक

इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर ग्रहों की स्थिति बहुत उत्तम है। इस दिन बुध उदय हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुध...
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इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर ग्रहों की स्थिति बहुत उत्तम है। इस दिन बुध उदय हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बुध और सूर्य के मिलने से बुधादित्य योग बन रहा है, जो भाई-बहन के बीच के विशेष रिश्ते का सम्मान करने वाला होता है। त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास को समर्पित है।

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इस दिन सभी बहनें अपने भाई के सुखी जीवन और लंबी उम्र की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती हैं। इस दौरान बहन राखी में तीन गांठ लगाती है, जिसका संबंध त्रिदेव यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव से होता है। यह शुभ दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के साथ मेल खाता है। रक्षा बंधन पर भद्रा 9 अगस्त को तड़के 1:52 बजे ही समाप्त हो जाएगी, इसलिए बहनें बिना की किसी चिंता के अपने भाई को दोपहर 1.23 मिनट तक राखी बांध सकती हैं। आचार्य त्रिलोक ने बताया कि ज्योतिषियों के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा।

यह मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक बना रहेगा। उन्होंने बताया कि चांदी की राखी को बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है। कई बहनें सोने की राखी भी अपने भाइयों को बांधती हैं। सोना सदैव से धन, समृद्धि और वैभव का प्रतीक रहा है।

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