ज्ञान व व्यक्तिगत विकास में पुस्तकों की अहम भूमिका : दीप्ति धर्माणी
भिवानी में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में 10 व 11 सितंबर को कुलपति दीप्ति धर्माणी की अध्यक्षता एवं कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा के तत्वाधान में पहले पुस्तक मेले का आयोजन किया गया।
इस दौरान पुस्तक मेले का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. दीप्ति धर्माणी ने किया, जिन्होंने ज्ञान, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत विकास में पुस्तकों की भूमिका पर जोर दिया। पुस्तक मेले में 30 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं ने भाग लिया, जिन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, साहित्य, इतिहास और शिक्षा सहित विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का प्रदर्शन किया।
पुस्तक मेले में विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों ने विश्वविद्यालय पुस्तकालय के लिए पुस्तकें चुनी, जिससे इसके शैक्षणिक संसाधनों में वृद्धि हुई। छात्रों ने पुस्तक मेले को विविध अध्ययन सामग्री तक पहुंचने और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान मंच के रूप में सराहा। प्रो. सुनीता भरतवाल ने सभी योगदानकर्ताओं को धन्यवाद दिया और जल्द ही नयी चयनित पुस्तकों को प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।
पुस्तक मेले के समापन पर प्रो. सुनीता भरतवाल ने ऐसे समृद्ध शैक्षणिक आयोजनों के आयोजन की निरंतरता का आश्वासन दिया। पुस्तक मेला न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को समृद्ध करता है, बल्कि ज्ञान, प्रेरणा और अवसर के साधनों के रूप में पुस्तकों की स्थायी प्रासंगिकता को भी रेखांकित करता है।