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कंबल के दामों में 15 से 30 रुपये तक उछाल

ऑफ सीजन होने के बावजूद कंबल के दामों 15 से 30 रुपये प्रति किलो ग्राम तक की तेजी दर्ज की जा चुकी है। इन दिनों अन्य राज्यों से थोक विक्रेता कंबल मंगवा रहे हैं। सीजन के लिए थोक विक्रेता स्टाक...
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ऑफ सीजन होने के बावजूद कंबल के दामों 15 से 30 रुपये प्रति किलो ग्राम तक की तेजी दर्ज की जा चुकी है। इन दिनों अन्य राज्यों से थोक विक्रेता कंबल मंगवा रहे हैं। सीजन के लिए थोक विक्रेता स्टाक करते हैं। कंबल उद्योगों में स्टाक नहीं होने तथा दिसावरी मांग अच्छी निकलने के कारण कंबल के भाव बढ़ गए। आने वाले समय में और अधिक तेजी की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल जो माल तैयार होता है वह हाथोंहाथ बिक रहा है।

जानकार कंबल उद्यमियों ने बताया कि मिंक कंबल में 15 रुपये की तेजी आ चुकी है। भाव 165 रुपये किलोग्राम से बढ़कर 180 रुपये किलो पहुंच गए हैं। फ्लैनो कंबल के दामों में 30 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। सुपर सॉफ्ट, कलाउडी कंबल के भाव भी 30 रुपये किलों बढ गए हैं। फ्लैनो कंबल 210 से बढ़कर 240 रुपये प्रति किलो ग्राम तथा सुपर सोफ्ट कलाउडी 180 से बढ़कर 210 रुपये किलो बिक रहा है।

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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कंबल में लगने वाले पोलिस्टर धागे के भाव में भी पांच रुपये किलो तक की तेजी दर्ज की जा चुकी है।

पानीपत में कंबल बनाने में 20 प्रतिशत एफडीवाई तथा 80 प्रतिशत डीटीवाई धागे का इस्तेमाल कच्चे माल के रुप में किया जाता है। एफडीवाई धागे पर टेक्सटाइल मंत्रालय ने ब्यूरो आफ स्टेंडर्ड (बीआईएस) लागू किया हुआ है, जिस कारण विदेशों विशेषकर चीन का धागा महंगा पड़ता है। देश में सबसे अधिक पोलिस्टर यार्न (धागा) चीन से आता रहा है। भारतीय यार्न (धागा) मैन्युफेक्चर्स ने सरकार से एफडीवाई धागे पर बीआईएस लागू करवाया है ताकि यहां के यार्न बनाने वाले उद्योगों को लाभ मिल सके। गलवान की घटना के बाद से चीन को सर्टिफिकेशन नहीं मिल पा रहा। 100-150 चीन के इंजीनियर को भारत वीजा दे रहा था।

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