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‘अधिकारियों की मिलीभगत से यूरिया की कालाबाजारी’

जगाधरी , 7 जुलाई ( हप्र) पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि धान की रोपाई का सीजन जोरों पर है, लेकिन जिले के किसानों को खाद के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना...
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जगाधरी , 7 जुलाई ( हप्र)

पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि धान की रोपाई का सीजन जोरों पर है, लेकिन जिले के किसानों को खाद के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिले के विभिन्न हिस्सों में खाद की किल्लत इस कदर है कि किसान लाइन में लगकर भी खाली हाथ लौट रहे हैं। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने इस समस्या को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया । बतरा ने कहा कि सरकार की नाकामी और अधिकारियों की मिलीभगत से जिले में खुलेआम यूरिया खाद की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी डिपो पर खाद नहीं मिल रही, जबकि बाजार में वहीं खाद ऊंचे दामों पर बेची जा रही है। इससे साफ है कि प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उनका कहना है कि खाद नहीं मिलने से धान की फसल प्रभावित हो रही है। कुछ किसान तो निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि किसान पहले ही महंगाई और मौसम की मार से जूझ रहा है, ऊपर से खाद की समस्या ने उसकी परेशानी और बढ़ा दी है।

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यूरिया के साथ किसानों को जबरन दी जा रही नैनो यूरिया

शाहाबाद मारकंडा  (निस) : भाकियू चढूनी के हलका कार्यकारी प्रधान जसबीर सिंह कंबोज मामूमाजरा ने आरोप लगाया है कि सरकारी दुकानों पर खाद विक्रेता किसानों को यूरिया की 5 बोरियों के साथ नैनो यूरिया जबरन दे रहे हैं। िसे किसान इस्तेमाल नहीं करता।  जिसका मूल्य लगभग 230 रुपए है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार स्वयं यह दावा करती है कि प्राईवेट डीलर यूरिया आदि खाद के साथ अनॉप शनॉप चीजें भी खरीदने को मजबूर करते हैं जबकि उन्होंने स्वयं देखा है कि यूरिया खाद के 5 कट्टों के साथ नैनो खाद धक्के से देने का काम सरकारी दुकानों पर हो रहा है। उनकी जानकारी अनुसार सरकार ने अपने स्तर पर खुफिया एजेंसियों द्वारा जांच तो प्राईवेट दुकानदारों की करवाई लेकिन हो रहा इसके बिल्कुल विपरीत। उन्होंने कहा कि आश्वर्य की बात है कि मुख्यमंत्री स्वयं किसान परिवार से हैं व खुद किसान हैं यह तब हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह तो किसान व दुकानदार विरोधी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अकेले शाहाबाद हल्का में अनुमानित 3 लाख कट्टे खाद की मांग व जरूरत है जबकि पूरा जिला में मात्र 63 हजार कट्टे ही आने की उनकी जानकारी है।

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