किसानों से भाजपा का नायब धोखा, नवरात्र में एमएसपी का झांसा : सुरजेवाला
हरियाणा के किसानों को नवरात्रों में भी मंडियों में लूटा जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी का चुनावी वादा पीआर धान 3100 प्रति क्विंटल पर खरीदने का पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। आज खरीफ सीजन के 5वें दिन सरकारी खरीद शुरू होने का नाम नहीं ले रही और किसान नमी के बहाने 2,369 के एमएसपी से भी 500 रुपये कम पर मजबूर हैं। यह नायब झूठ नहीं तो क्या है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कुरुक्षेत्र की पीपली व थानेसर अनाज मंडियों का दौरा किया। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों की मेहनत को मंडियों में लूटा जा रहा है, बाढ़ का 50 लाख एकड़ नुकसान मुआवजे के बिना सड़ रहा है और गेहूं बुआई के लिए डीएपी खाद की कालाबाजारी चरम पर है।
सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले सैनी ने बड़े-बड़े जुमले उछाले कि धान का एक-एक दाना खरीदेंगे] लेकिन हकीकत में 10 जिलों की मंडियों में 5 लाख मीट्रिक टन धान सड़ रहा है। छह जिलों में तो खरीद शुरू ही नहीं हुई और बाकी जगहों पर एमएसपी पर खरीद न के बराबर है। जमीन का खर्च 82,000 प्रति एकड़, लेकिन धान से किसान को 40,000 भी नहीं मिल रहा। पीआर धान 1,900-2,100 में, 1501 बासमती 2,500-2,900 में बिक रही है जबकि बाजार मूल्य 3,500-4,000 होना चाहिए। किसानों व आढ़तियों के साथ यह सरकारी धोखा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ में 50 लाख एकड़ फसल बर्बाद, 7,000 प्रति एकड़ मुआवजा घोषित लेकिन एक रुपया भी नहीं पहुंचा।
सुरजेवाला ने कहा कि बाजरा उत्पादकों की हालत और भी बुरी है। महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, सिरसा में बाजरा 2,775 एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने 2,150 से नीचे खरीद न करने का आदेश दिया। चरखी दादरी में 70,000 क्विंटल बाजरा मंडी में अटका है। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद की कमी ने गेहूं बुआई को परेशान कर दिया। सुबह 4 बजे से लाइनें लग रही हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। निजी दुकानों पर कालाबाजारी 1,950 प्रति बैग ब्लैक में बिक रहा, जबकि सरकारी दर 1,350 है। भाजपा सरकार को कोई फिक्र नहीं। रणदीप सुरजेवाला ने मांग की कि किसान का धान 2,369 और बाजरा 2,775 प्रति क्विंटल पर बिना बहाने एक-एक दाना खरीदा जाए। निर्यात बाधाओं के चलते 1509, 1121 आदि किस्मों पर 3,500 प्रति क्विंटल की वन टाइम खरीद की जाए। अगले 7 दिनों में 50,000 प्रति एकड़, नष्ट मकानों-ट्यूबवेलों का पूरा हर्जाना दिया जाए। 5,000 प्रभावित गांवों में प्रत्येक एससी व बीसी परिवारों को 50,000 मुआवजा दिया जाए व जलभराव वाले इलाकों में तुरंत पानी निकासी का प्रबंध किया जाए।