युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम कानून देश के आम नागरिकों को सशक्त बनाने का एक मजबूत हथियार था। यूपीए सरकार ने इस कानून को लागू कर देश में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल कायम की थी। लेकिन बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से लगातार संशोधन कर इस कानून को कमजोर किया। युवा किसान नेता राजीव आर्य ढांड ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून उस एजेंडे का हिस्सा था, जिसमें मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, वन अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा जैसे जनहितकारी कदम शामिल थे। आरटीआई ने आम लोगों, खासकर समाज के सबसे कमजोर तबके को भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी आवाज उठाने का हक दिया। साल 2014 के बाद से बीजेपी द्वारा आरटीआई को लगातार कमजोर किया जा रहा है, जिससे देश की पारदर्शिता और लोकतंत्र पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य आयोगों में खाली पदों को पारदर्शी और जल्दी भरा जाए। आयोगों के लिए कामकाज के मानक तय हों और मामलों के निपटारे की रिपोर्ट सार्वजनिक हो। व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट को तुरंत लागू कर आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाए। आयोग में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और महिलाओं को शामिल कर विविधता सुनिश्चित हो।
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