वीआईपी नंबर की बोली लगाकर पीछे हटना पड़ा भारी, संपत्ति जांच के निर्देश
अम्बाला, 3 दिसंबर (हप्र)
परिवहन मंत्री अनिल विज ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि आजकल बोली लगाना सिर्फ शौक बनता जा रहा है, न कि जिम्मेदारी। राज्य में फैंसी और वीवीआईपी वाहन नंबर नीलामी प्रणाली से आवंटित किए जाते हैं और कई लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगाकर इन नंबरों को खरीदने की कोशिश करते हैं। यह न केवल प्रतिष्ठा का विषय होता है, बल्कि सरकार की राजस्व वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। बता दें कि गत दिनों चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल के ऑनलाइन ऑक्शन हुई थी। एचआर 88बी 8888 नंबर की नीलामी 1 करोड़ 17 लाख रुपये में तक हुई थी और हिसार के एक व्यक्ति ने यह बोली लगाई थी और 11 हजार सुरक्षा राशि जमा कराई थी, मगर बोली के पैसे जमा करवाने के आखिरी दिन उसने पैसे जमा नहीं करवाए और अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी।
मंत्री ने कहा कि परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि जिस व्यक्ति ने यह बोली लगाई थी, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच करवाई जाए। यह देखा जाए कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता 1 करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने की है भी या नहीं। साथ आयकर विभाग को भी पत्र भेजकर विस्तृत जांच के लिए कहा जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली न लगा सके।
