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धान घोटाले को लेकर भाकियू ने पीएम व सीएम को लिखा पत्र, जांच करवाने की मांग

मुख्यमंत्री व अफसरों से बैठक की मांग, किसान बोले- एमएसपी से 300 रुपये कम बिक रही धान
गुरनाम सिंह चढ़ूनी
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भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट द्वारा धान मामले में एक खुला पत्र भारत के प्रधानमंत्री के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष व सभी विपक्षी दलों के नेता, सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मंडी अधिकारियों, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के नियत्रंकों, संबंधित विभाग के मंत्री तथा अन्य सभी खरीद एजेंसियों के अध्यक्षों को लिखकर आरोप लगाया कि प्रदेश में एक बड़ा धान घोटाला चल रहा है। सारी धान की खरीद एमएसपी पर खरीदी दिखाई जाती है, लेकिन किसानों को कईं 100 रुपये प्रति क्विंटल कम दिए जाते हैं। उनका आरोप है कि खरीद एजेंसी तो मंडी से नदारद रहती है और सारी खरीद राइस मिलों के रहमो-करम पर होती है। मंडियों में वर्तमान में ऐसी व्यवस्था खड़ी हो गई है कि एक आढ़त की दुकान पर एक ही राइस मिलर खरीद कर सके और आढ़ती व किसान एक को ही देने पर विवश हो जाए। उन्होंने खुलासा किया कि आज धान एमएसपी से लगभग 300 रुपये कम पर बिक रही है। उन्होंने दुख प्रकट किया कि ये सारा मामला अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से हो रहा है। भारतीय किसान यूनियन का ये भी कहना है कि इस समय उत्तर प्रदेश से काफी मात्रा में राइस मिलों में धान आ रहा है। उन्होंने विस्तार से बताया कि जो धान उत्तर प्रदेश से आ रहा है, उसमें किस प्रकार से घोटाला हो रहा है। उसकी ऐवज में किस प्रकार से किसान को सीधा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह धान व्यापार के नाम पर आ रहा है, जबकि असलियत में मामला कुछ ओर ही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश से आने वाले धान को तुरंत रोके जाने की मांग की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश से सीधा चावल भी यहां आ रहा है, जिससे किसान के धान का नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस सारे मामले की जांच करने की मांग करते हुए यह भी आरोप लगाया है कि इन सभी घोटालों की जड़ पोर्टल है।

भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार और अधिकारियों को स्थिति को कंट्रोल करना चाहिए। इस समय धान के मामले को लेकर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है और किसी समय भी फुट सकता है। उन्होंने कहा कि पत्र में लिखे गए इन 8 बिन्दुओं के बारे में उच्चाधिकारियों से एक बैठक करना चाहते हैं ताकि व्यवस्था ठीक हो सके और किसानों को कोई परेशानी न हो। किसान का सारा धान एमएसपी पर बिक सके।

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