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भाकियू ने सांकेतिक हड़ताल कर जताया रोष

धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग   भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने धान की सरकारी खरीद शुरू न करवाने को लेकर बृहस्पतिवार को जिला सचिवालय कैथल पर युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना व जिला अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल...
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कैथल के लघु सचिवालय में प्रदर्शन करते किसान। -हप्र
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धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने धान की सरकारी खरीद शुरू न करवाने को लेकर बृहस्पतिवार को जिला सचिवालय कैथल पर युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना व जिला अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल की अध्यक्षता में 10 बजे से 4 बजे तक सांकेतिक भूख हड़ताल करके सरकार विरोधी नारेबाजी कर जमकर रोष प्रदर्शन किया। भाकियू चढ़ूनी के युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट, जिला अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल, प्रदेश उपाध्यक्ष चमकौर सिंह चीका के नेतृत्व में एसडीएम अजय सिंह कैथल के मार्फत मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम धान व बाजरे की सरकारी खरीद तुरंत शुरू करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित नीति धान खरीद में हर वर्ष धान की सरकारी खरीद 1 अक्तूबर से शुरू की जाती है, जोकि हरियाणा व पंजाब में काफी लेट मानी जाती है, क्योंकि जब 1 अक्तूबर के खरीद के नियम बनाए गए थे उस समय देशी बीज व लम्बी समय अवधि के बीज लगाए जाते थे जोकि देर से पकते थे अक्तूबर में मंडियों में आते थे जिनका फसलक्रम चक्कर 100-120 दिन होता था। परंतु आज के समय में ज्यादातर किसान हाईब्रीड बीज की खेती करते हैं, जिनका फसलक्रम समय चक्कर 85-90 दिन होता है जोकि 80 से 90 दिन में पककर तैयार हो जाते हैं और मंडियों में यह धान सितंबर के दूसरे सप्ताह में आनी शुरू हो चुकी है।

केंद्र सरकार की धान खरीद नीति के अनुसार 1 अक्तूबर तक किसानों का काफी धान निजी व्यापारी औने पौने दामों पर खरीद लेता है। जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस वर्ष धान खरीद की नीति में बदलाव करते हुए धान खरीद जल्द से जल्द शुरू की जाए।

इस धरने पर किसान नेता महाबीर चहल, केवल सिंह सिद्धू, रणधीर बरसाना, गुरबचन हरिगढ़, सुभाष बदराणा, नरेंद्र मागो, बलिंद्र हजवाना, सतपाल पुंडरी, मोनी सिकंदर खेड़ी, सुरेन्द्र बरटा, पिरथी कौल, कृष्ण मालखेड़ी, शीलू गोलन, नरेंद्र फरल, सुरेन्द्र पयौदा, किनदर चीका, जरनैल सिंह जैली सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।

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