माता सती जोहड़ी का हुआ सौंदर्यीकरण, त्रिवेणी लगाकर मनाया पर्यावरण दिवस
नारनौल, 5 जून (हप्र) : माता सती वेलफेयर समिति की ओर से गांव गहली में माता सती जोहड़ी का सौंदर्यीकरण किया गया। बृहस्पतिवार को पर्यावरण संरक्षण के तहत विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसका नेतृत्व समिति अध्यक्ष सिकंदर गहली ने किया। इस दौरान माता सती मंदिर प्रांगण में त्रिवेणी लगाकर पौधारोपण की शुरुआत की गई।
माता सती जोहड़ी का हुआ सौंदर्यीकरण 2021 में हुआ था शुरू
इस अवसर पर अध्यक्ष सिकंदर गहली ने कहा कि वर्ष 2021 में सती माता जोहड़ी के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया गया था। आज जोहड़ी के चारों तरफ पेड़ ही पेड़, घूमने का पक्का रास्ता व जलभराव का सराहनीय कार्य किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि पर्यावरण संरक्षण व पौधारोपण जन–जन की मुहिम बन जाए तो पर्यावरण को निश्चित रूप से दूषित होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ता प्रदूषण, प्लास्टिक, कचरे के ढेर, बाहर और औद्योगीकरण व जलवायु परिवर्तन पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। पर्यावरण को बचाने का सबसे सरल उपाय पौधरोपण है।
इस दौरान प्रवक्ता धर्म सिंह व विजय पाल एडवोकेट ने कहा कि पौधे प्रकृति के फेफड़े माने जाते है। पौधे दूषित गैसों का अवशोषण करके पर्यावरण को स्वच्छ रखने का कार्य करते हैं। ग्रामीणों का कहना था कि आत सती माता मंदिर परिसर में सभी का मन लगता है। बुजुर्ग लोग पेड़ों की शीतल छावों में दोपहर को विश्राम करते है। टहलने के लिए सुंदर वातावरण में ही महिलाएं यहां पर बैठकर सती माता के भजनों का आनंद लेती है।
जोहड़ी में पशु, पक्षियों व जीवों के लिए पानी भरा रहता है। इस मौके पर हवा सिंह, रामफल, ईश्वर, सूबेदार धर्मसिंह, उमेद सिंह, चरण सिंह, सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप, दीपक यादव, कृष्ण यादव, शमसेर, महावीर, संदीप, राहुल, पुनीत, कर्मवीर, जितेंद्र, अनिल, जतिन, अमित, जीतू, विक्रांत व ओविन मौजूद रहे।
पीपल, बरगद और नीम की त्रिवेणी सकारात्मक ऊर्जा, शांति और दिव्यता का प्रतीक : त्रिवेणी बाबा