भाषा ज्ञान एवं व्यक्तित्व निर्माण का आधार : डॉ. रणजीत फुलिया
इन्द्री, 7 जुलाई (निस)
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भाषा और व्यक्तित्व विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मोटीवेटर एवं भाषा शिक्षण के लिए सतत क्रियाशील डॉ. रणजीत सिंह फुलिया ने स्रोत व्यक्ति एवं मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने की और संचालन राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह ने किया।
मुख्य अतिथि एवं विशेषज्ञ डॉ. रणजीत फुलिया ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को हिन्दी और अंग्रेजी में त्रैवाचक पुरूष, अपना परिचय, दोनों भाषाओं के शब्दों का अभ्यास करवाया। कार्यशाला में महक, जैसमीन, रीतिका, सृष्टि, वैष्णवी, अनित पाल, कुनाल, मानव, लविश, जतिन, समीर, अरमान व वंश ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और मुख्य अतिथि ने उन्हें पुस्तकें देकर सम्मानित किया। डॉ. फुलिया ने कहा कि भाषा ज्ञान एवं व्यक्तित्व निर्माण का आधार है। इसलिए भाषा के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा और राजभाषा है, लेकिन विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि सुनना, बोलना, पढऩा और लिखना भाषा के चार कौशल हैं। सुनने पर बोलने की कुशलता निर्भर करती है। इसी तरह से पढ़ना जितना अर्थपूर्ण और गतिपूर्ण होगा, उतना ही लेखन भी शुद्ध होगा। अच्छी बातें, ज्ञानपूर्ण प्रवचन सुनने और अच्छी किताबें पढऩे से हमारी समझ बढ़ती है। किताबों से दोस्ती बढ़ेगी तो हमारी भाषा में निखार आएगा। बलविन्द्र सिंह ने कहा कि भाषा के विकास के लिए विद्यार्थियों का कक्षा में हिस्सेदारी करना बेहद जरूरी है। जो विद्यार्थी अपनी जिज्ञासाएं पूछ लेता है, वह अपने राह की मुश्किलों को जल्द ही हल कर लेता है। इस मौके पर नरेश मीत, राजेश सैनी, अश्वनी कांबोज, सोमपाल सहित कईं अध्यापक मौजूद रहे।