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Banarasi Devi : 300 महिलाओं को दिया रोजगार, सीएम करेंगे सम्मानित

‍Banarasi Devi made a special identity in social service
Banarasi Devi
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कनीना, 7 मार्च (निस) : कनीना खंड के गांव बवानिया निवासी महिला बनारसी देवी ( Banarasi Devi) को आज आठ मार्च, शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में सुषमा स्वराज पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उनको महिलाओं के रोजगार और स्वावलंबन को लेकर किए गए योगदान के चलते सम्मानित करेंगे।

जापान तक पहुंची बाजरे के लड्डू की मिठास

गांव बवानियां के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए बाजरे के लड्डू की मिठास जापान तक पहुंच चुकी है। विश्व में वर्ष 2023 को मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया था जिसमें संगठन से जुड़ी 16 महिलाओं ने दो माह के दौरान 50 क्विंटल से अधिक बाजरे के लड्डू तैयार कर करीब 10 लाख रुपये की आय भी प्राप्त की थी।

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Banarasi Devi : साल 2001 में शुरु किया था काम

बनारसी देवी ने बताया कि महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की गुणवत्ता लोगों को इतनी भा रही है कि जहां स्टॉल लगते हैं, वहीं से ऑर्डर भी बुक हो रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2001 में मोटे अनाज से खाद्य सामग्री बनाने का काम शुरू किया था जो अब देशभर में उसकी पहचान बन गया है। इनके द्वारा बनाए महिला स्वयं सहायता समूह से वर्तमान में 300 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।

इस संगठन को एक एकड़ में दो करोड़ रुपये लागत से एक प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल चुकी है। पिछले वर्ष फरवरी माह में जापान से पहुंचा महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल भी उत्पादों के स्वाद चख चुका है।

देशभर में लगातार बढ़ रही उत्पादों की मांग

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिलाओं के उत्पादों की मांग देशभर में है। हरियाणा, दिल्ली, मुंबई, गुजरात, गोवा, चंडीगढ़, रोहतक और गुरुग्राम सहित देश के बड़े शहरों में बाजरे के लड्डू व नमकीन की बड़ी मांग है। यह समूह देशभर में 50 से अधिक बड़े स्तर के मेलों, प्रदर्शनी, पशु प्रदर्शनी, कृषि मेलों में कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ जिला बागवानी विभाग, कृषि विभाग, नाबार्ड की मदद से स्टॉल लगा चुकी हैं।

Banarasi Devi ने 300 महिलाओं को बनाया कामयाब

बवानियां की 50 वर्षीय बनारसी देवी ने अनपढ़ होने के बावजूद भी वर्ष 2001 में संघर्ष शुरू कर दिया था। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र, बागवानी विभाग, कृषि विभाग से समय-समय पर प्रशिक्षण लेकर स्थानीय अनाज, सब्जी व फलों से खाद्य सामग्री बनानी शुरू कर दी। संगठन द्वारा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज, फल व सब्जियों के 15 प्रकार के अचार, मुरब्बा, जैम, चटनी, सॉस, आंवले का मुरब्बा सहित अन्य उत्पाद बनाने शुरू किए गए। दो माह पूर्व बाजरे के लड्डू, नमकीन व मटर बनाने शुरू किए थे, जिनकी मांग तेजी से बढ़ रही है।

देशी तरीके से तैयार होता है हर उत्पाद

बनारसी देवी ने बताया कि बाजरे के लड्डू में बाजरे का आटा, देसी घी, तिल, देशी खांड, गूंद, बादाम व मूंगफली का प्रयोग किया जाता है। वहीं नमकीन व मटर में बाजरे का आटा व स्थानीय स्तर पर मिलने वाली मिर्ची तथा सरसों का तेल प्रयोग किया जाता है।

Banarasi Devi के साथ जुड़ी हैं ये महिलाएं

संगठन की माया देवी, कृष्णा, कविता, सुषमा, सविता, मंजू, भगवंती, सुमन, रेखा, विमला, चलती, राजबाला, मंजू कुमारी, सरोज, माया ने बताया कि संसाधनों के अभाव में मांग के अनुसार उत्पाद तैयार नहीं कर पातीं। इसके लिए दिन-रात मेहनत करती हैं। प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। गांव में ही एक एकड़ में यह प्रोजेक्ट बनेगा।

महिला दिवस पर दिए जाएंगे हरियाणा के प्रतिष्ठित पुरस्कार

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