लेखक ब्रह्मदत्त की कहानी ‘चतुर्भुज’ महाराष्ट्र की यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में शामिल
क्षेत्र के प्रसिद्ध लेखक ब्रह्म दत्त शर्मा जगाधरी की चर्चित कहानी चतुर्भुज को महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित संत गाडगे बाबा अमरावती यूनिवर्सिटी, अमरावती ने बीएससी प्रथम वर्ष के हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल किया है। यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग ने इसे अपने नए पाठ्यक्रम की पुस्तक विविधा में पटकथा लेखन के अंतर्गत सम्मिलित किया है।
लेखक ब्रह्म दत्त शर्मा ने बताया कि चतुर्भुज महिला सशक्तीकरण पर आधारित एक संवेदनशील कहानी है। इसमें एक युवा, बैंक अधिकारी लड़की अपने अपाहिज पिता और बीमार मां की देखभाल के लिए विवाह न करने का निर्णय लेती है, जबकि पिता उसकी जल्दी शादी करके अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। कहानी इसी संघर्ष और निर्णय के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इस रचना को पहले भी हरियाणा साहित्य अकादमी की वर्ष 2015 की हिंदी कहानी प्रतियोगिता में पुरस्कार मिल चुका है।
उन्होंने बताया कि अब तक उनकी पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें तीन कहानी संग्रह—चालीस पार, मिस्टर देवदास और पीठासीन अधिकारी तथा दो उपन्यास ठहरे हुए पलों में, आधी दुनिया पूरा आसमान शामिल हैं। उनकी कहानियां कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर है जब उनकी किसी कहानी को यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में स्थान मिला है।