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कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग

कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा एवं फल्गु मंदिर सुधार समिति के संयुक्त तत्वावधान में फल्गु तीर्थ पर तीन दिवसीय लोककला महोत्सव के दूसरे दिन लोकगायन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. रामपाल सैनी, कुलपति, चौ....
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कैथल में शनिवार को फल्गु तीर्थ पर लोककला महोत्सव में कलाकारों को सम्मानित करते मुख्य अतिथि और अन्य। -हप्र
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कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा एवं फल्गु मंदिर सुधार समिति के संयुक्त तत्वावधान में फल्गु तीर्थ पर तीन दिवसीय लोककला महोत्सव के दूसरे दिन लोकगायन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. रामपाल सैनी, कुलपति, चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद, अध्यक्षता पद्यश्री महाबीर गुड्डू और विशिष्ट अतिथि डॉ ऋषिपाल प्राचार्य जनता कॉलेज कौल ने दीप प्रज्वलित से किया। इसके बाद अतिथियों और कलाकारों का स्वागत आयोजक समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। लोकगायन कार्यक्रम की शुरुआत में लोकगायक सुरेश भाणा ने फल्क ऋषि की वंदना प्रस्तुत की। जिसके बाद उन्होंने मर्द व्यवहारी न सरता कोन्या की प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह कर खूब तालियां बटोरी। लोकगायिका आरती जांगड़ा की घर मैं गंगा बहण लागरी रागनी की प्रस्तुति श्रोताओं को खूब भायी और उनकी प्रस्तुति के दौरान कईं बार तालियां बजी। लोकगायक दिनेश किलोई ने रागनी आपणी आपणी चलती के मै और दो दो दिन का खेल जगत मैं की प्रस्तुति दी। सुप्रसिद्ध हरियाणवी लोकगायिका राजबाला बहादुरगढ़ ने श्रद्धा करकै चालो भाइयो फल्गु जी पै जाणा और दशरथ राजा तन्नै वचन भरया था आदि बेहतरीन रागनियों की प्रस्तुति दी। सानिया बहादुरगढ़ ने सौ सौ पड़ै मुसीबत बेटा की सराहनीय प्रस्तुति दी।

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