यमुना-सोम नदी व दादुपुर हेड पर विदेशी परिंदों का आगमन शुरू
हथिनीकुंड बैराज क्षेत्र में चहल-पहल, ठंड बढ़ते ही पहुंचने लगे साइबेरियन मेहमान
दिसंबर का महीना शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में प्रचंड ठंड पड़नी शुरू हो गई है। ऐसे में मैदानी इलाकों में प्रवासी पक्षियों का पहुंचना शुरू हो गया है। क्षेत्र के दादुपुर हेड, सोम नदी, यमुना नदी, थापना नदी, हथिनीकुंड बैराज आदि इलाकों में विदेशी परिंदों ने दस्तक दे दी है। इन इलाकों में विदेशी मेहमान साइबेरियन डक का आगमन शुरू हो चुका है। ये विदेशी मेहमान पानी में अटखेलियां करते नजर आ रहे हैं। हर वर्ष इनकी संख्या सैकड़ों में पहुंचती है लेकिन इस बार वन्य जीव प्राणी विभाग का अनुमान है कि इस बार इनकी संख्या हजारों में पहुंचने वाली है। वहीं सामाजिक संस्था यमुना सेवा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी किरण पाल राणा का कहना है कि खनन गतिविधियों के बढ़ने से प्रवासी पक्षियों की आवक पहले के मुकाबले यमुना नदी क्षेत्र में काफी कम देखी जा रही है। उनका कहना है कि 2-3 सालों से यह कम होती जा रही है। ऐसा ही कुछ थापना नदी क्षेत्र में है।
वन्य जीव पुरानी विभाग निरीक्षक लीलू राम ने बताया कि हर वर्ष नवंबर के पहले सप्ताह में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर साइबेरियन डक हथिनी कुंड बैराज, कलेसर, ताजेवाला के आसपास यमुना क्षेत्र में पहुंचते हैं। यह पक्षी हर वर्ष नवंबर से लेकर 15 फरवरी तक इसी क्षेत्र में विचरण करते हैं। उसके बाद वापस लौट जाते हैं। निरीक्षक लीलू राम ने बताया कि कुछ विदेशी मेहमान जो पिछले वर्ष यहां आए थे, वह अब तक यहीं देखे जा रहे हैं, जिससे यह अनुमान लगाया गया है कि कुछ विदेशी मेहमान यहीं पर स्थाई होकर रहने लगे हैं। इन विदेशी पक्षियों का यहां आने का मुख्य कारण है कि पहाड़ी क्षेत्रों में नवंबर से फरवरी तक बर्फ जम जाती है अौर पानी न होने के कारण ये यहां रुख करते हैं। हर वर्ष साइबेरिया पक्षियों की संख्या 500 से 700 के बीच रहती है। इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या बढ़कर 1000 के आसपास जाने वाली है।

