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गुस्साये कर्मचारियों ने लघु सचिवालय के सामने दिया धरना

एलसीएलओ-सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले शुक्रवार को लघु सचिवालय के सामने राज्य स्तरीय धरना दिया गया। धरने की अध्यक्षता यूनियन के राज्य प्रधान नीतू ने की ओर संचालन पवन कुमार ने किया। धरने को यूनियन नेताओं के अलावा...
कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को मांगों को लेकर धरने पर बैठे कर्मचारी। -हप्र
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एलसीएलओ-सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले शुक्रवार को लघु सचिवालय के सामने राज्य स्तरीय धरना दिया गया। धरने की अध्यक्षता यूनियन के राज्य प्रधान नीतू ने की ओर संचालन पवन कुमार ने किया। धरने को यूनियन नेताओं के अलावा सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान, जिला नेता अनिल कुमार, सुनील रत्न, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओम प्रकाश, हेमसा राज्य प्रधान संदीप सांगवान, रिटायर्ड कर्मचारी संघ राज्य ऑडिटर महावीर प्रसाद दहिया, आशा वर्कर्स की जिला प्रधान मंजीत एवं सचिव पिंकी, ब्लाक प्रधान सर्व कर्मचारी संघ थानेसर विशाल सैन आदि नेताओं ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि करीब 4 हजार एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) को 12 महीने से न काम मिला और न ही वेतन।

संगठन नेताओं ने बताया कि सरकार ने सिटीजन रिसोर्स इन्फोर्मेशन डिपार्टमेंट और परिवार पहचान पत्र अथोरिटी के अंतर्गत करीब सात हजार क्रीड पंचायत लोकल आपरेटर (सीपीएलओ) का चयन किया था। इन कर्मचारियों की नियुक्ति हरियाणा की 7000 ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिवालयों में होनी थी, जहां बैठकर ये फैमिली आईडी से जुड़े कार्य, जैसे आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन वेरिफिकेशन इत्यादि का कार्य करते। लेकिन चयन के बाद इसमें से करीब साढ़े तीन हजार को सीपीएलओ (क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर) का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया और आधे को पदनाम बदलकर एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट दिया, जबकि विज्ञापन सीपीएलओ का था।

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इस तरह, 4 हजार एलसीएलओ में से मार्च 2024 में करीब 2700 की लोकल पंचायतों में ज्वाइनिंग हो गई और 1300 की ज्वाइनिंग ही नहीं हुई। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद पद ग्रहण करने वाले 2700 को भी काम नहीं दिया गया और 1300 की तो ज्वाइनिंग ही नहीं हुई। इसलिए पिछले करीब एक साल से सीपीएलओ पद के लिए चयनित, जिनका पदनाम बदलकर एलसीएलओ बनाया, को न तो कोई मानदेय मिल रहा है और न ही काम दिया जा रहा है। जबकि सीपीएलओ को केवल 6000 वेतनमान दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी काफी कम है।

संगठन नेताओं ने कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री और सभी अन्य अधिकारियों एवं मंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। यूनियन राज्य प्रधान नीतू और महासचिव पवन कुमार ने कहा कि सरकार तुरंत उनकी मांगों का समाधान करे।

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