मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की कार्यप्रणाली से नाराज होकर शुक्रवार को जिला परिषद सदस्यों ने सीईओ कार्यालय का ताला जड़कर विरोध जताया। जिला परिषद सदस्यों का गुस्सा देकर कार्यालय अधिकारी, कर्मचारी सकते में आ गए।
परिषद सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि जब मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्षदों से नहीं मिलते, विकास के कार्य करवाने में मदद नहीं करते, तो ऐसे अधिकारी को कार्यालय में बैठने का अधिकार नहीं है। पार्षदों ने एक सुर में कहा कि सीईओ की शिकायत मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से की जाएगी ताकि कोई दूसरा अधिकारी जिला परिषद को मिल सकें। जिससे जन हितैषी कार्य सुचारू रूप से चल सकें।
जिला परिषद चेयरमैन प्रवेश कुमारी, चेयरमैन प्रतिनिधि सोहन सिंह राणा, पार्षद रीना, पार्षद गुरदीप बीजना आदि पार्षदों ने कहा कि शुक्रवार को समीक्षा बैठक बुलाई गई थी, बैठक में सीईओ को भी लिखित में पत्र भेजकर संदेश दिया था, लेकिन सीईओ समीक्षा बैठक में नहीं आए, जिसके बाद सभी पार्षदों ने रोष स्वरूप उनके कार्यालय को ताला लगा दिया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सदस्यों से नहीं मिलते, सभी काम ठप पड़े हुए हैं। वर्क ऑर्डर पास नहीं हो रहे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य खासे प्रभावित हो रहे हैं। अधिकारी से मिलने के लिए प्रयास करते है, लेकिन अधिकारी कार्यालय में आते ही नहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी की दिलचस्पी विकास कार्यों में नहीं है, जिससे सरकार की फजीहत हो रही है। पांच मार्च को मीटिंग हुई थी, उसमें जो निर्णय लिए गए थे, वे जमीन पर नजर नहीं आते। हम सभी जनता के चुने हुए नुमाइंदे है, हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है। हम लोग अपनी समस्याएं सीईओ को नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगे।

