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हंगामे के बीच 17 मुद्दे सर्वसम्मति से पारित

नगर परिषद हाउस की बैठक में पार्षदों ने एक-दूसरे पर लगाये आरोप
कैथल में नप हाउस की बैठक में एक-दूसरे पर आरोप लगाते पार्षद। -हप्र
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नगर परिषद कार्यालय में बुधवार को 6 माह बाद हुई हाउस की बैठक पार्षदों के आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गई। बैठक में पार्षद शहर के विकास पर चर्चा की बजाय एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहे। पार्षदों ने अपने ही साथियों को बोलने नहीं दिया। हालांकि चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने कई बार पार्षदों को एक-एक करके अपनी बात रखने का अनुरोध किया, लेकिन किसी पार्षद ने चेयरपर्सन की नहीं सुनी। बैठक में मजेदार बात यह रही कि अन्य विभागों के अधिकारी तो दूर नगर परिषद के अधिकारी भी पूरी संख्या में नहीं पहुंचे। इस पर चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने नाराजगी जताते हुए अगली बैठक में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को पहुंचने के निर्देश दिए। बैठक की अध्यक्षता नप चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने की जबकि वाइस चेयरपर्सन सीमा, कार्यकारी अभियंता सुशील कुमार, सचिव भानू शर्मा मौजूद रहे।

बैठक में बेसहारा गोवंश, सड़कों की मरम्मत व निर्माण कार्य समेत 17 मुद्दों पर चर्चा हुई जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक में सबसे अहम मुद्दा शहर की सड़कों से बेसहारा गोवंश हटाने का रहा। इस पर निर्णय लिया गया कि 11 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें पार्षदों के साथ शहर की संस्थाओं व मौजिज लोगों को शामिल किया जाएगा। गोवंश को पकड़ने के लिए जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू करने पर भी सहमति बनी। पार्षदों ने कहा कि गोवंश के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिन पर तुरंत नियंत्रण जरूरी है। वार्ड 29 के पार्षद राज सैनी ने कहा कि अगर नंदीशाला की जिम्मेदारी उन्हें दी जाए तो वे 6 माह में शहर से गोवंश हटा देंगे। इस पर पार्षद अनिल खुरानिया ने ऐलान किया कि यदि राज सैनी यह काम कर देते हैं तो वह गोशाला में 5 लाख रुपये दान करेंगे। राज सैनी ने जवाब दिया कि चाबी दिलवा दो, वे 11 लाख रुपये की सहायता भी देंगे और गोवंश सड़कों से हटा देंगे। हालांकि बैठक में सड़काें पर बेसहारा पशु, साफ सफाई, लाइट व्यवस्था के मुद्दे पूर्व की बैठकों की तरह छाए रहे।

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स्ट्रीट लाइट का मुद्दा रहा हावी

वार्ड 11 की पार्षद सुशीला शर्मा अपने बैग में एक खराब लाइट और लाइट लगाने का सामान लेकर आई थीं। सुशीला ने आरोप लगाये कि स्ट्रीट लाइटों को लगाने में घोटाला किया जा रहा है। घटिया स्तर का सामान लगाया जा रहा है। नई लाइटें भी खराब हो रही हैं। इसके बाद 5 से 6 पार्षदों ने भी लाइटों की समस्या चेयरपर्सन के सामने रखी। पार्षदों ने आरोप लगाए कि उनकी लाइटों से संबंधित समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लाइटों के जो पोल टूट जाते हैं उन्हें भी ठीक नहीं करवाया जाता।

अधिकारियों ने पार्षद के मकान को बताया अवैध

वार्ड 21 के पार्षद अनिल खुरानिया ने बड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि नप अधिकारियों ने उनके मकान को अवैध घोषित कर दिया, जबकि यह 3 साल पहले वैध था। उन्होंने बताया कि मॉडल टाउन स्थित उनके मकान में ही चेयरपर्सन सुरभि गर्ग भी रहती हैं। बावजूद इसके उनके और आसपास के दो-तीन मकानों को अवैध दिखाया गया है। चेयरपर्सन ने इस पर अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए जांच के आदेश दिए। अन्य पार्षदों ने भी वैध कॉलोनियों की प्रॉपर्टी को अवैध दिखाए जाने पर नाराजगी जताई। गौरतलब है कि हालिया सर्वे में 2500 प्रॉपर्टी अवैध बताई गई थीं, जिनमें से अब तक 800 को वैध किया जा चुका है। वार्ड 16 के पार्षद रामफल सैनी ने दादाखेड़ा गली में बनाये मुख्यद्वार के बजट को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 2 साल बीतने के बावजूद इस पर खर्च की राशि स्वीकृत नहीं की गई। वार्ड 11 की पार्षद सुशीला ने भी अपने क्षेत्र में इसी तरह का मुख्यद्वार बनाने की मांग रखी।

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