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कृषि विभाग और केन्द्रीय टीम ने किया सर्वेक्षण, सतर्कता बरतने की सलाह

धान में बौनेपन की बीमारी
अम्बाला में बृहस्पतिवार को धान की फसल का जायजा लेती कृषि विशेषज्ञों की टीम। - हप्र
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र फरीदाबाद की टीम ने कृषि अधिकारी अम्बाला के साथ मिलकर ग्राम धुराला व तेजा मोहड़ी ब्लाक-अम्बाला, जिला-अम्बाला एवं आस-पास के गांवों में धान में बौना रोग का संयुक्त सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान खेत में सफेद पीठ वाला फुदका जोकि बौना रोग का वाहक है, देखने को नहीं मिला। कुछ खेतों में बौने पौधे पाए गए, जोकि आर्थिक हानि स्तर से कम मात्रा में हैं। किसानों को सुझाव दिया गया कि वे अपने खेत में बारीकी से निगरानी रखें और सफेद पीठवाला फुदका दिखाई देने पर बूपरोफेजीन 25 प्रतिशत एससी, फिपरोनिल 5 प्रतिशत एससी आदि का छिड़काव करें।

किसानों को किया जागरूक

कैथल (हप्र) : उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कैथल के दिशानिर्देशों अनुसार उपमंडल कृषि अधिकारी, कैथल डा. सतीश नारा विभिन्न टीमों के साथ सभी गांवों में लगातार किसानों के खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं तथा धान में बौने पौधे की बीमारी बारे किसानों को जागरूक किया जा रहा है। धान में बौने पौधे नामक बीमारी फैली हुई है जिसके कारण पौधों की बढ़वार रुक जाती है, पत्तियां पतली व समय से पहले खेत सूखने लग जाती हैं। इसलिए किसान सुबह-शाम अपने खेतों की निगरानी करें।

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‘बौने पौधे दिखे तो उखाड़ कर नष्ट कर दें’

इन्द्री (निस) : धान में बौनेपन की समस्या को लेकर कृषि विभाग अलर्ट हो गया है। बृहस्पतिवार को कृषि विभाग एवं भारत सरकार के क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र फरीदाबाद की संयुक्त टीम ने क्षेत्र के विभिन्न गांवों में धान में बौने पौधे की बीमारी का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि खेत में मौजूद बौने रोग से प्रभावित पौधों को उखाड़ कर हटा दें।

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