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सुप्रीम आदेश के बाद अम्बाला में आवारा कुत्तों के शेल्टर होम बनाने की राह आसान

मेयर शैलजा ने अधिकारियों को दिए आदेश, जल्द बनेगी ठोस रणनीति
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मेयर शैलजा
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उच्चतम न्यायालय हाल ही में आए आदेश के बाद अब अम्बाला नगर निगम क्षेत्र में भी आवारा और बेसहारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने का रास्ता साफ हो गया है। मेयर शैलजा संदीप सचदेवा ने इस दिशा में पहल करते हुए नगर निगम अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र में उचित स्थान चिन्हित कर शेल्टर होम बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और साथ ही नसबंदी व टीकाकरण को लेकर ठोस रणनीति बनाई जाएगी।

नगर निगम क्षेत्र में अभी तक आवारा कुत्तों की समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकल पाया है। यहां शेल्टर होम तो दूर, पिछले एक वर्ष से अधिक समय से नसबंदी का टेंडर भी अमल में नहीं आ पाया है। सूत्रों के अनुसार निगम द्वारा पूर्व में एजेंसियों को समय पर भुगतान न करने के कारण कोई भी संस्था इस काम में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ऐसे में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया कि लगभग 50 हजार कुत्तों को पकड़कर दो सप्ताह के भीतर शेल्टर होम्स में भेजा जाए। इसके बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई थी। अब इसी आदेश की रोशनी में अम्बाला में भी शेल्टर होम निर्माण का रास्ता खुला है।

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मेयर शैलजा ने कहा कि यह कार्य न केवल बड़े बजट की मांग करता है बल्कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भी जरूरत होगी। इसके बावजूद नगर निगम इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार केवल बीमार और रेबीज से पीड़ित आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर में रखा जाएगा, जबकि बाकी कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थानों पर ही छोड़ा जाएगा। मेयर ने बताया कि अंबाला नगर निगम क्षेत्र में लंबे समय से लोग इस मांग को उठा रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मुद्दे पर विवाद भी खत्म होगा और कुत्तों को लेकर संतुलित नीति अपनाई जाएगी।

राष्ट्रव्यापी पॉलिसी को करवाएंगे पूरी तरह लागू

उन्होंने कहा कि जब भी राष्ट्रव्यापी पॉलिसी का स्वरूप सामने आएगा, उसे अम्बाला में पूरी तरह लागू किया जाएगा। इससे न केवल लोगों को कुत्तों के काटने और रेबीज जैसी गंभीर समस्या से निजात मिलेगी बल्कि बेजुबान जानवरों के साथ किसी प्रकार की ज्यादती भी नहीं होगी। मेयर ने भरोसा दिलाया कि नगर निगम मानव और प्रकृति के बीच संतुलन बनाकर ही इस कार्य को आगे बढ़ाएगा।

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