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22 साल के संघर्ष से गुरुद्वारों की सेवा संभाल मिली, सेवादार बनकर सेवा करेंगे : जगदीश झिंडा

एचएसजीएमसी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का करेगी काम
करनाल में पत्रकारों से बातचीत करते एचएजीएमसी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा। -हप्र
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करनाल 1 जून (हप्र)

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद जगदीश सिंह झिंडा पहली बार गुरुद्वारा डेरा कार सेवा पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत की। जगदीश सिंह झिंडा ने कहा कि हरियाणा के सिखों के लिए अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने और गुरुद्वारों का प्रबंधन हरियाणा के सिखों को सौंपने के लिए हमने 22 साल तक संघर्ष किया। जिसके बाद अब हमें हरियाणा के गुरुद्वारों की सेवा संभाल मिली। हम गुरुद्वारा साहिब से वीआईपी कल्चर को खत्म करेंगे और एक निमाने सेवादार बनकर सेवा करेंगे। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें हरियाणा के गुरुद्वारों की देखभाल का जिम्मा दिया गया। हम यह सेवा अपने तन, मन, धन से करेंगे और निस्वार्थ से नहीं बल्कि एक विनम्र सेवादार के रूप में सेवा करेंगे।

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उन्होंने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हरियाणा में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर काम करेगी जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है और जल्द ही हम जींद में एक विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रहे हैं। जिसका अस्थायी नक्शा तैयार हो चुका है। बाकी संगत की सलाह से और हमारे सदस्यों की सलाह से और विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेकर जल्द ही अंतिम नक्शा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही मीरी पीरी मेडिकल कॉलेज का काम अपने हाथ में लेंगे और इसे जल्द चालू करवया जाएगा। मीरी पीरी मेडिकल कॉलेज के पास एक अस्पताल बनाया जाएगा, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बहुत से गरीब सिख दूसरे धर्मों में जा रहे हैं और उनसे बातचीत करके उन्हें वापस सिख धर्म में लाया जाएगा। उनके साथ बाबा सुखा सिंह कार सेवा वाले, गुरनाम सिंह लाडी, भूपिंदर सिंह लाडी सौंकड़ा समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।

यूनिवर्सिटी में एक गुरुद्वारा साहिब की भी स्थापना करेंगे

उन्होंने हरियाणा की संगत से अपील करते हुए कहा कि हरियाणा में बनने वाली यूनिवर्सिटी में हरियाणा की संगत से भी सहयोग करने का अनुरोध है और साथ ही देश-विदेश में बैठी संगत का इस यूनिवर्सिटी में सहयोग लिया जाएगा तभी यह यूनिवर्सिटी विश्व स्तर की बनेगी। यूनिवर्सिटी में एक गुरुद्वारा साहिब की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के नाम पर रखा जाएगा।

 

 

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