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प्रशासनिक तथा मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने सूरजमुखी खरीद का रिकार्ड लिया कब्जे में

सूरजमुखी खरीद को लेकर अम्बाला शहर अनाज मंडी में बड़ी कार्रवाई
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 29 जून

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मुनाफाखोरी के लिए बाहरी राज्यों से सूरजमुखी लाकर अम्बाला शहर की मंडी में बेच कर सरकार को चूना लगाने की चर्चाओं के बीच आज मार्केटिंग बोर्ड और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले को लेकर जांच की और रिकार्ड अपने साथ ले गए। हालांकि शहर मंडी में आने वाली कुल आवक को देखते हुए इसमें किसी प्रकार की बाहरी खरीद होने की संभावनाएं न के बराबर ही हैं।

दरअसल पंजाब और हरियाणा के सूरजमुखी के भावों में सारे खर्चे निकाल कर करीब 4 सौ रुपये क्विंटल का अंतर बताया जाता है। यह भी इसलिए कि हरियाणा एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद करता है जबकि पंजाब में किसानों को बाजार भाव से सूरजमुखी बेचनी पड़ती है। यदि कोई व्यापारी पंजाब से सूरजमुखी लाकर हरियाणा में बेचना चाहे तो उसे जीएसटी भी भरना पड़ता है और न भरने के चलते पकड़े जाने पर भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ता है।

सूरजमुखी का काम नहीं कर रहे कुछ आढ़तियों की मानें तो केवल कुछ किसान फसल कम होने की अवस्था में उसे पंजाब से लाकर हरियाणा में बेच सकते हैं, वह भी सरकारी मानकों के अनुसार। कई बार हरियाणा की मंडियों में भी खुले में भाव पूरा नहीं मिलता, जिसके कारण किसान प्रदेश की ही दूसरी मंडियों में अपनी सूरजमुखी बेचने को स्वतंत्र है, जहां उन्हें पूरी कीमत मिल रही हो। हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 1 से 30 जून तक की जाती है। जानकारी के अनुसार उपायुक्त अजय सिंह तोमर को किसी ने इस बारे सूचना दी थी कि शहर मंडी में भारी मात्रा में पंजाब से सस्ते दाम पर सूरजमुखी लाकर एमएसपी पर बेची जा रही है।

मौसम खराब होने के बावजूद उपायुक्त ने तहसीलदार और मार्केटिंग बोर्ड के डीएमईओ को इस मामले की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा। मौके पर पहुंचकर पहले तो अधिकारियों से मंडी में आए तथकथित ट्रकों को खोजा, लेकिन वह कहीं नहीं मिले तो तहसीलदार ने सूरजमुखी से संबंधित रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार वह गेट पास अपने साथ ले गए हैं ताकि संबंधित किसानों के साथ उनका मिलान किया जा सके। इसी बीच मार्केट कमेटी अम्बाला शहर के सचिव दलेल सिंह की ओर से एक नोटिस मंडी के आढ़तियों को भेज दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जो भी आढ़ती सूरजमुखी का कारोबार कर रहे हैं वह सुबह 10 बजे तक अपने एच रजिस्टर की स्पष्ट फोटो कापी सत्यापित करके कार्यालय में जमा करवाएं ताकि उसका खरीद के साथ मिलान किया जा सके। दरअसल 10 जून तक तो सरकारी ने हैफेड के माध्यम से सूरजमुखी की खरीद करवाई थी, जहां किसान यूनियन के लोगों ने मौके पर इलेक्ट्रिकल कांटे से वजन करके अधिक तोल तोले जाने की शिकायत की थी। अभी तक उस शिकायत का क्या हुआ इसका किसी को पता नहीं है। इसी बीच 12 जून से सूरजमुखी को आढ़तियों के माध्यम से खरीद शुरू की गई, जिस पर उन्हें 1 प्रतिशत की दर से आढ़त मिलेगी। शहर मंडी में अभी तक कुल 22 हजार क्विंटल सूरजमुखी की खरीद हुई है, जिसमें से पहले 10 दिन में 5 हजार क्विंटल नैफेड द्वारा खरीद की गई थी।

''आज तहसीलदार और डीएमईओ द्वारा मंडी में सूरजमुखी की खरीद को लेकर जांच की गई थी। मंडी में कहीं कोई ट्रक सूरजमुखी का नहीं मिला। आढ़तियों को सोमवार सुबह 10 बजे तक रिकार्ड की स्पष्ट फोटो कापी सत्यापित करने के लिए बोला गया है। अधिकारी स्वयं ही पूरे रिकार्ड का मिलान कर लेंगे। यदि कहीं कोई अनियमितता पाई जाती है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। ''

-दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी, अम्बाला शहर

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