डीएसपी के रीडर समेत 2 लोगों के खिलाफ एसीबी ने दर्ज किया भ्रष्टाचार का मामला
मदन लाल गर्ग/ हप्र
फतेहाबाद, 12 जुलाई
जिले के भूना खंड के गांव ढाणी भोजराज के बहुचर्चित अंतर्जातीय प्रेम विवाह मामले में रिश्वतखोरी के आरोप में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फतेहाबाद के डीएसपी हेड क्वार्टर संजय बिश्नोई के रीडर सब इंस्पेक्टर दर्शन सिंह व एक नामालूम व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
इस मामले में डीएसपी संजय बिश्नोई की भूमिका की जांच के भी आदेश दिए गए हैं। इस पूरे मामले में जांच अधिकारी एसीबी के डीएसपी फतेहाबाद जुगल किशोर को बनाया गया है। गौरतलब हैं कि इस मामले में 30 मई को भूना के नरेश कुमार ने एंटी करप्शन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक मित्तल शिकायत भेजी थी। शिकायत में उन्होंने डीएसपी मुख्यालय के रीडर की ऑडियो रिकॉर्डिंग के अलावा ग्रामीणों द्वारा पुलिस को रिश्वत देने के लिए इकठ्ठी की गई करीब 12 लाख की राशि का हिसाब-किताब लिखी पर्ची भी भेजी थी। पर्ची पैसे इक्ट्ठे करने वाले ग्रामीण द्वारा हस्तलिखित थी। एसीबी मुख्यालय ने अपने पत्र में 5जून को इस मामले की जांच एसीबी के हिसार एसपी को सौंप दी। एसपी ने मामले की जांच करके 18 जून को मुख्यालय को भेज दी। जिस पर एसीबी मुख्यालय पंचकूला ने 7 जुलाई को एसीबी हिसार एसपी को पत्र भेजकर इस मामले में रीडर एएसआई दर्शन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में में केस दर्ज करने व जांच अधिकारी डीएसपी संजय बिश्नोई की संलिप्तता बारे देख लेने के आदेश दिए।
एसीबी को यह दी शिकायत- एसीबी को दी शिकायत में भूना निवासी नरेश कुमार ने कहा था कि इस मामले में जांच अधिकारी ने नाजायज दबाव बनाकर उनसे 10 लाख रुपये की राशि ऐंठ ली। यह राशि ग्रामीणों ने पूरे गांव से चंदा इकट्ठा करके जुटाई गई थी। यह मामला भूना में काफी चर्चित रहा था जिसमें सामाजिक संगठनों की कई पंचायतें हुईं क्योंकि मामला सरासर झूठा व मनगढंत था। लोगों में भी इस मुकदमे को लेकर भारी रोष था और रोषस्वरूप लोगों ने 17 फरवरी को रोड जाम कर प्रदर्शन भी किए थे। नरेश ने कहा कि इस मामले मे फंसाने का भय दिखाकर जांच अधिकारी डीएसपी संजय बिश्नोई ने नामजद लोगों से लाखों रुपये मुकदमा कैंसल करवाने के नाम पर ऐंठे हैं। इसके बाद आरोपियों पर दर्ज एससी/एसटी एक्ट सहित कई धाराएं हटाकर 3 गिरफ्तार किए लोगों को भी डिस्चार्ज करवाया गया। जब उसने इस मामले में डीएसपी के रीडर दर्शन सिंह से बात की तो उसने भी 5 लाख रुपये डीएसपी को देने के लिए फोन पर हामी भरी जिसकी उसकी रिकाॅर्डिंग भी एसीबी को सौंपी है। मामले में एसीबी ने बातचीत की रिकाॅर्डिंग की जांच की तो पाया कि रीडर एएसआई दर्शन सिंह साढ़े 5 लाख रुपये डीएसपी को दिए जाने बारे कह रहा है। इसके अलावा ढाणी भोजराज के ग्रामीणों द्वारा भी पैसा इकट्ठा कर किए जाने की बात सामने आई।
अनुसूचित परिवार का बहिष्कार करने पर विवाद
गांव ढाणी भोजराज से 31 जनवरी 2025 को स्वर्ण जाती की लड़की व अनुसूचित जाति का लड़का गायब हो गए थे। जिन्होंने बाद में प्रेम विवाह कर लिया तथा उच्च न्यायालय से सुरक्षा की गुहार लगाई। जब यह जानकारी गांव में पहुंची तो गांव में तनाव फैल गया तथा कथित रूप से पंचायत करके लड़के के अनुसूचित परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। जिस पर लड़के के पिता साधु राम की शिकायत पर 14 फरवरी को 9 नामजद सहित 50 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करके 16 फरवरी को गांव के 3 दुकानदारों मुकेश मित्तल, रोहताश मित्तल तथा रामप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया। जिस पर ग्रामीणों ने 17 फरवरी को भूना चंडीगढ़ स्टेट हाइवे पर जाम भी लगाया था। मामले की जांच डीएसपी जयपाल सिंह कर रहे थे। बाद में ग्रामीणों की मांग पर मामले की जांच डीएसपी संजय बिश्नोई को सौंप दी। जिन्होंने अपनी जांच में एससी एसटी एक्ट की धारा को हटाकर सभी आरोपियों को दोषमुक्त करते हुए, गांव के चौकीदार को बहिष्कार की अफवाह फैलाने का मुख्य आरोपी बना दिया।