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‘मौन साधना से बढ़ता है व्यक्ति का आत्मबल’

रादौर, 1 जनवरी (निस) उपमंडल के गांव खजूरी में बुधवार को 33वां विशाल सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। मानव स्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित यह सद`भावना सम्मेलन श्रीयांश जी महाराज के जन्मदिवस की उपलक्ष्य में मनाया गया, जिसमें...

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रादौर के गांव खजूरी में सद्भावना सम्मेलन में मंच पर उपस्थित संत। -निस
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रादौर, 1 जनवरी (निस)

उपमंडल के गांव खजूरी में बुधवार को 33वां विशाल सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। मानव स्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित यह सद`भावना सम्मेलन श्रीयांश जी महाराज के जन्मदिवस की उपलक्ष्य में मनाया गया, जिसमें अध्यात्म सम्राट सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज के परमशिष्यों द्वारा हरिद्वार से पधारकर गीता व रामायण पर सारगर्भित सत्संग किया गया। सदभावना संत सम्मेलन में संत महात्मा सुबोधिनी बाई ने अपने प्रवचन में कहा कि हमारे प्रबुद्ध ऋषियों का कथन है कि ईश्वर ने मनुष्य को धर्मयुक्त जीवन का अनुकरण करने हेतु रचना की है।

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इसके अभाव में मनुष्य में व पशु में कोई अंतर नहीं है। इसलिए मनुष्य को धर्म आचरण अपनाना चाहिए।धर्म स्वयं के साथ ही समाज में प्रेम व सद्भावना को सिखाता है। संत महात्मा वंदना बाई जी ने अपने प्रवचन में कहा कि मौन साधना द्वारा व्यक्ति का आत्मबल और कार्य करने की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती रहती है।

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मौन का आश्रय लेकर व्यर्थ की कटुता, कलह व विवादों से बचाव के साथ ही मिथ्या वचन, अपशब्दों के प्रयोग पर निंदा व अनर्गल बोलने जैसे वाणी के पापों से भी बचाव होता है। अत: सोच समझकर सीमित बोलने अथवा यथासंभव मौन धारण करने में ही भलाई है।

जिला प्रधान अजब सिंह ने बताया कि आज सत्संग समारोह के दौरान एक मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। कृष्णा अस्पताल रादौर द्वारा मुफ्त शिक्षा शिविर लगाया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संध्या पांचाल द्वारा रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस शिविर में लगभग 150 रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस अवसर पर जिला प्रधान अजब सिंह, साहब सिंह, धनीराम, अनिल, राकेश, ऋषिपाल, राजकुमार, मीना, कमला, संतोष, सावित्री, रेखा, ममता, रजनी, दुर्गेश, सोहनलाल, अमन, शिवम, पिंकी आदि उपस्थित थे।

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