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गोपाष्टमी के पावन पर्व पर दुर्गियाना मंदिर में भव्य धार्मिक आयोजन

गाय भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा है : गुलशन डंग

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फोटो कैप्शन (30 रोहतक 1): गोपाष्टमी पर दुर्गियाना मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग का स्वागत करते मंदिर कमेटी के पदाधिकारी।-हप्र
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रोहतक में गोपाष्टमी के पावन पर्व पर स्थानीय दुर्गियाना मंदिर परिसर में बृहस्पतिवार को भव्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी गुलशन डंग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण, गोमाता पूजन और अभिषेक के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक गोसेवा का संकल्प लिया।

इस अवसर पर गुलशन डंग ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा है। यह हमारी अर्थव्यवस्था, कृषि और अध्यात्म — तीनों की आधारशिला रही है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि समाज एकजुट होकर गोसंरक्षण को जनआंदोलन बनाए।

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भव्य धार्मिक आयोजन में बोले गुलशन डंग

गुलशन डंग ने कहा कि आधुनिक युग में जब मनुष्य भौतिकता में खोता जा रहा है, तब गौसेवा और धर्म के प्रति आस्था ही उसे सही दिशा दे सकती है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि हर व्यक्ति अपने जीवन में कम-से-कम एक गौमाता की सेवा का संकल्प ले, ताकि समाज में करुणा, सद्भाव और आत्मिक शांति का वातावरण बन सके।

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उन्होंने यह भी घोषणा की कि राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन प्रदेशभर में ‘गौ संवर्धन एवं स्वदेशी उत्थान अभियान’ चलाएगा। इसके तहत गौ उत्पादों से बने प्राकृतिक वस्त्र, खाद, धूप, औषधि एवं चिकित्सा उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह अभियान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा।

प्राचीन परंपरा में गाय कामधेनू कही गई : डंग

गुलशन डंग ने कहा कि हमारी प्राचीन परंपरा में गाय को ‘कामधेनु’ कहा गया है, जो मानव जीवन के सभी पक्षों का पोषण करती है। इसके दूध से लेकर गोबर-गोमूत्र तक हर वस्तु उपयोगी है। गाय केवल कृषि का आधार नहीं, बल्कि पर्यावरण संतुलन का प्रमुख साधन भी है। उन्होंने कहा कि गौसेवा का अर्थ केवल भोजन-पानी देना नहीं, बल्कि उसके सम्मान की रक्षा करना भी है।

उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी जैसे पवित्र पर्व यह संदेश देते हैं कि धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। गुलशन डंग ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के जरिए गोसंरक्षण अभियान को आगे बढ़ाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकें।

इस अवसर पर मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में भक्तों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

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