श्री गुरु हरगोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर सजाया महान नगर कीर्तन
कुरुक्षेत्र, 11 जून (हप्र)
मीरी-पीरी के मालिक धन-धन साहिब श्री गुरु हरगोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर महान नगर कीर्तन ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी से सजाया गया।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया एवं पंज प्यारों की अगुवाई में सजाए गए इस महान नगर कीर्तन के दौरान बोले सो निहाल सतश्री अकाल और शबद कीर्तन की गूंज सुनाई देती रही। नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष शीश नवाने और सेवा करने के लिए संगत की भीड़ उमड़ी पड़ी।
नगर कीर्तन से पहले गुरु चरणों में अरदास की गई और हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार जगदीश सिंह झींडा, कार्यकारिणी समिति मैंबर कुलदीप सिंह मुल्तानी, मैंबर इंदरजीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, बलदेव सिंह हाबड़ी, गुरनाम सिंह लाडी व भूपिंदर सिंह लाडी, बीबी करतार कौर, बीबी जसबीर कौर मसाना, पूर्व कनिष्ठ उपप्रधान बीबी रविंदर कौर अजराना, पूर्व स्पोकसमैन कवलजीत सिंह अजराना, पूर्व मैंबर बेअंत सिंह, सुखजिंदर सिंह मसाना, धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, प्रधान साहिब के कार्यालय पीए एवं एडिशनल सेक्रेटरी सतपाल सिंह डाचर, अतिरिकत सचिव राजपाल सिंह दुनियामाजरा, नरेंद्र सिंह, उपसचिव अमरिंदर सिंह, रूपिंदर सिंह, निजी सचिव शमशेर सिंह, गुरुद्वारा निरीक्षण शाखा के प्रभारी जज सिंह, मैनेजर हरमीत सिंह सहित भारी गिनती में संगत ने गुरुद्वारा साहिब में श्री दरबार साहिब में हाजिरी भरी।
संगत को संबोधित करते हुए हरियाणा कमेटी के प्रधान जत्थेदार जगदीश सिंह झींडा ने आह्वान किया कि सभी एकजुट होकर सेवा भाव से गुरु घर के लिए सहयोग करें।
अपने बच्चों को नितनेम से जोड़ने के साथ-साथ ऐतिहासिक दिनों के इतिहास की पूरी जानकारी उन्हें दें। उन्होंने कहा कि हम सब को अपने बच्चों को ऐतिहासिक स्थालों के दर्शन भी करवाने चाहिए। बच्चों को दस्तार एवं गुरबाणी के महत्व से अवगत करवाना चाहिए। इसके उपरांत धर्मनगरी के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी से गुरु चरणों में अरदास के साथ महान नगर कीर्तन की शुरुआत शबद कीर्तन और बोले सो निहाल सतश्री अकाल की गूंज के साथ हुई।
नगर कीर्तन में यूपी, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हरियाणा के जिलों की संगत विशेष रूप से शामिल हुई, जबकि कुरुक्षेत्र जिला की संगत ने भी उत्साहपूर्वक परिवार समेत गुरु साहिब के समक्ष हाजिरी भरी तथा विभिन्न स्थानों पर ठंडे पानी, जलजीरा, कुल्फी और अन्य खाद्य पदार्थों के स्टाल लगाकर सेवा की। यह नगर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुरुद्वारा साहिब में संपन्न हुआ।