मुआवजे के नाम पर किसानों से भद्दा मजाक
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में आई बाढ़ से 47 लाख एकड़ फसल तबाह हो गई है। कुल 6150 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है, 11 शहर, 72 कस्बे बाढ़ की चपेट में आए है। इस बाढ़ में 42 लोग अपनी जान गवां चुके हैं लेकिन प्रदेश की नायब सरकार कहीं भी नजर नहीं आ रही। रणदीप सुरजेवाला शनिवार को बाढ़ ग्रस्त गांवों का दौरा करने के उपरांत अग्रवाल धर्मशाला में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
इस अवसर पर सुरजेवाला ने कहा कि गुहला चीका के 50 गांवों में कम से कम 30 हजार एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हुई है, जबकि सरकार असल नुकसान से 5 गुणा कम का आंकड़ा बता रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने का ऐलान किया जबकि इतने रुपए में तो एक एकड़ की बुआई तक नहीं होती। बाढ़ में मारे गए लोगों के लिए 4 लाख रुपए मुआवजे को भी दुखी परिवारों के साथ भद्दा मजाक बताया। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार फसल का कम से कम 70 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दें और प्रत्येक मृतक के परिवार को 40 लाख रुपए की आर्थिक मदद दें। एससीबीसी मजदूरों के घरों के नुकसान पर 1 लाख, मवेशी के लिए 30 हजार रुपए व बाढ़ में मरे भैंस या गाय की मौत पर 1.5 से 2 लाख रुपए व मकान की मरम्मत के लिए कम से कम 25 लाख रुपए का मुआवजा दें।
भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस बार प्रदेश में कुदरती बाढ़ नहीं आई है बल्कि यह सब सरकार की सोची समझी योजना के तहत हुआ है। नायब सरकार ने बाढ़ बचाव को लेकर कोई प्रबंध नहीं किए। बरसात से पहले अधिकारियों की बैठक नहीं ली गई। कही भी तट बांध मजबूत नहीं किए गए। बाढ़ प्रबंधों के लिए सरकार ने जो पैसा जारी किया वह कुप्रबंधन के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, जिसके चलते आज पूरा प्रदेश बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने 15 दिनों में खेतों में भरे पानी की निकासी का प्रबंध नहीं किया तो किसान आधे से अधिक क्षेत्र में गेहूं की बुआई भी नहीं कर पाएंगे।
बाढ़ से बर्बाद फसलों का लिया जायजा
सुरजेवाला ने गुहला के बाढ़ ग्रस्त गांव भागल, बोपुर, रत्ताखेड़ा कड़ाम, सिहाली, बुढऩपुर, मोहनपुर, मनझेड़ी, मैंगड़ा, सरोला, भंूसला, पपराला, पिसौल, कमहेड़ी व खराल आदि गांवों का दौरा किया और बाढ़ से मारी गई फसलों को जायजा लिया। इस दौरान सुरजेवाला ने घग्गर नदी पर बने हांसी बुटाना नहर के साइफन को भी देखा। अपने दौरे के दौरान सुरजेवाला ने किसानों से बात की और उनका दर्द जाना।