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छवि धूमिल बनाम आंतरिक द्वन्द्व का मामला : भूमिगत पाइपलाइन कार्य में अनियमिततायें, नप चैयरमैन ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

गुजरात गैस पाइपलाइन के भूमिगत घरेलू गैस प्रोजेक्ट में अनियमिततायों को लेकर नगर परिषद के चैयरमैन टेकचंद छाबड़ा ने पाइपलाइन कंपनी पर शहर को नरक में तब्दील करने के आरोप लगाये हैं। उन्होंने इन अनियमितताओं को अपनी छवि धूमिल होने...
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गुजरात गैस पाइपलाइन के भूमिगत घरेलू गैस प्रोजेक्ट में अनियमिततायों को लेकर नगर परिषद के चैयरमैन टेकचंद छाबड़ा ने पाइपलाइन कंपनी पर शहर को नरक में तब्दील करने के आरोप लगाये हैं। उन्होंने इन अनियमितताओं को अपनी छवि धूमिल होने का कारण बताते किसी अन्य विभाग से उच्चस्तरीय जांच मांगी है।

उन्होंने स्थानीय निकाय मंत्री व स्थानीय विधायक, निदेशक स्थानीय निकाय व नगरायुक्त सिरसा को पत्र भेजा है। चैयरमैन द्वारा लिखे पत्र में गुजरात गैस पाइप लाइन के डबवाली में कार्य हेतु नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा मंजूरी से लेकर टेंडर प्रक्रिया, तय शर्तों व उन पर कंपनी का लिखित सहमति पत्र व सिक्योरिटी राशि आदि के बारे में पूछा गया है।

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गलियों के नुकसान हेतु सुरक्षा राशि में से पेनलिटी आदि सहित कई जानकारियां मांगी गयी है। सूत्र उक्त मामले को ‘लोकल सरकार’ में सत्ता बनाम प्रशासनिक अहोदों के ‘आंतरिक द्वन्द्व’ का उबाल बता रहे हैं। बता दें कि शहर के विभिन्न वार्डों में गैस पाइप लाइन डालने के बाद गलियाँ धंसने व लोगों के घरों को नुकसान पहुंचने के अनगिनत मामले सामने आ रहे हैं।

अभी तक स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई महज कंपनी कार्य से हुए नुकसान के जायजा लेने तक सीमित रही है। चैयरमैन छाबड़ा ने कहा कि वह मामले की पूरी तह तक पहुंचेंगे। वहीं, नप के उच्च सूत्रों के मुताबिक को चैयरमैन महोदय को सभी फाइलें दिखाई व पढ़ कर तक सुनाई गयी हैं।

मंजूरशुदा प्रोजेक्ट, 6-7 करोड़ की बैंक गारंटी : कार्यकारी अभियंता

नगर परिषद डबवाली के कार्यकारी अभियंता राकेश पूनिया का कहना है कि यह केंद्र सरकार का मंजूरशुदा प्रोजेक्ट है। नप डबवाली द्वारा सिर्फ रोड कट की परमिशन दी गई है। रोड कटों को गुजरात गैस पाइपलाइन कंपनी द्वारा दरुस्त करवाया जाना है। बैंक गारंटी के तौर पर कंपनी से दो फेज में 6-7 करोड रुपए की राशि जमा करवाई हुई है।

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