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नवंबर अंतिम या दिसंबर पहले सप्ताह में होगी बड़ी रैली : रणजीत सिंह चौटाला

पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में एक प्रदेश स्तरीय बड़ी रैली की जाएगी। इस रैली में किसको बुलाया जाएगा, इसका निर्णय भी मेरे कार्यकर्ता ही लेंगे। क्योंकि...
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हिसार में कार्यकर्ताओं की बैठक में उपस्थित पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला व अन्य।-हप्र
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पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में एक प्रदेश स्तरीय बड़ी रैली की जाएगी। इस रैली में किसको बुलाया जाएगा, इसका निर्णय भी मेरे कार्यकर्ता ही लेंगे। क्योंकि आज मेरी कोई पार्टी नहीं है, इसलिए कार्यकर्ता जो कहेंगे, वही करेंगे।  पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने हिसार में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये बातें कही। उन्होंने बताया कि यमुनानगर, नारनौल, कुरुक्षेत्र, सिरसा के बाद अब हिसार में कार्यकर्ताओं बैठक की है। इसके बाद प्रदेश के हर जिलों में कार्यकर्ताओं की बैठक की जाएगी।

'मर्यादा में रहें जजपा और इनेलो'

एक सवाल के जवाब में  उन्होंने कहा कि जजपा और इनेलो एक हो या ना हो लेकिन उनको मार्यादा में रहना चाहिए। वे चाहते हैं कि सभी साथ मिलकर चले और ऐसा ही प्रसार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल ने भी किया था लेकिन प्रयास सफल नहीं हुआ।

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प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर उन्होंने कहा कि यह प्रकृति का प्रकोप है और इस बार बरसात भी ज्यादा हुई है और बादल भी ज्यादा फटे हैं, हर रोज फट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रकृति से छेड़छाड़ का ही नतीजा है। किसानों के मुआवजे के सवाले पर उन्होंने कहा कि उनको जितना मिले वह कम है। यह बात तय है कि सिरसा में अधिकतर नरमा और कपास की पैदावार होती है और वहां सबकुछ तबाह हो चुका है।

असंतोष किसी भी देश के लिये खतरनाक : रणजीत सिंह

नेपाल के घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि अंसतोष होना किसी भी देश के लिए खतरनाक है। समय रहते सरकार को सबकुछ संभालना चाहिए। क्रांति किसी भी देश के लिए ठीक नहीं है। नेपाल में जो नुकसान हुआ है उसका खामियाजा नेपाल की जनता को ही भुगतना पड़ेगा लेकिन देश में ऐसा कोई माहौल नहीं है।

बिजली दरों पर उन्होंने कहा कि अब बिजल के कुछ रेट बढ़े हैं। दस साल में बिजली के रेट नहीं बढ़े थे। अब कुछ घाटा आ जाए तो कुछ रेट तो बढ़ाने पड़ते हैं। विपक्ष के नेता तय ना करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज कांगे्रस के 31 विधायक है जिनमें से 27 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ है, अब हाईकमान को फैसला करना है कि किसको नेता प्रतिपक्ष बनाएं।

संघर्ष, संयम और समाजसेवा की प्रतीक थीं संतोष वशिष्ठ : रणजीत सिंह चौटाला

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