फतेहाबाद के 96 फीसदी क्षेत्र में फसल खराब, फिर भी मंडियों में रिकॉर्ड तोड़ धान की आवक
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल से बड़ा खुलासा : बीते वर्ष से धान खरीद दो लाख मीट्रिक टन अधिक, बाहरी राज्यों से धान-चावल रोकने को पुलिस सक्रिय
प्रदेश में हुई भारी बरसात से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। किसानों को मुआवजे का दावा करने के लिए सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था। जिले के 250 राजस्व गांवों में से 240 गांवों के किसानों ने अपनी पूरी या आंशिक फसल खराब होने का दावा करते हुए मुआवजे के लिए आवेदन किया है। वर्तमान में इन आवेदनों की जांच जारी है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कितने क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ और किन किसानों को मुआवजा मिलेगा।
हालांकि, जिले की मंडियों में धान की रिकॉर्ड तोड़ आवक ने इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार तक जिले में 8,73,346 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है, जबकि बीते वर्ष कुल खरीद मात्र 7,43,194 मीट्रिक टन थी। इस बार धान की खरीद 10 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि अभी भी लगभग 20 फीसदी धान की कटाई बाकी है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष जगदीश भादू का कहना है कि नजदीकी जिलों का धान फतेहाबाद की मंडियों में बिकने के लिए आ रहा है, लेकिन यह तर्क सभी को स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि सरकारी खरीद तो पूरे हरियाणा में ही समान रूप से हो रही है। मंडियों में नमी और सफाई के नाम पर किसानों के रेट में कटौती भी की जा रही है।
चावल व्यापारी बोले- कागजों में हो रही सरकारी खरीद
एक चावल व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर साल की तरह इस बार भी रतिया और टोहाना मंडियों में कागजों पर धान खरीदी जा रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआत किसान द्वारा “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर धान की एंट्री से होती है, चाहे उसने खेत में कोई और फसल बोई हो। इसके बाद आढ़ती के माध्यम से किसान के नाम से जे-फार्म काटा जाता है और सरकारी एजेंसी के नाम पर बिल बन जाता है। व्यापारी के अनुसार, राइस मिल मालिक सरकारी खरीदी धान से चावल निकालकर उतनी ही मात्रा में बिहार व अन्य राज्यों से चावल मंगवाकर लगा देते हैं। यदि मिलों में भौतिक निरीक्षण हो जाए तो करोड़ों का घपला सामने आ सकता है। इस पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विनीत जैन ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विभाग किसान से समर्थन मूल्य पर धान खरीद कर सीधे मिलों में भेजता है और किसानों को पूरी राशि उनके खाते में जमा की जाती है।
सीमाओं पर पुलिस की सख्ती, बाहरी धान व चावल पर रोक
बाहरी राज्यों से धान और चावल आने की खबरों के बीच, रविवार को एसपी सिद्धांत जैन के कार्यालय की ओर से प्रेस नोट जारी किया गया।
एसपी ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले धान व चावल की एंट्री जिले में पुलिस विभाग द्वारा रोकी जाएगी। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात पुलिस कर्मियों को सख्ती बरतने और हर वाहन की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

