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करनाल के मिरगैन गांव में 80 घरों को कराया खाली

करनाल, 15 जुलाई (हप्र) यमुना के तेज बहाव के चलते गांव गढ़पुर टाूप, मुसेपुर पास नजदीक टूटे तटबंधों से बहा पानी लगातार गांव दर गांव में तबाही मचा रहा है। पानी के तेज बहाव को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में...
करनाल के गांव मिरगैन के स्कूल में शरण लिए हुए ग्रामीण। -हप्र
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करनाल, 15 जुलाई (हप्र)

यमुना के तेज बहाव के चलते गांव गढ़पुर टाूप, मुसेपुर पास नजदीक टूटे तटबंधों से बहा पानी लगातार गांव दर गांव में तबाही मचा रहा है। पानी के तेज बहाव को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में हड़कंप मचा हुआ हैं। प्रशासन ने गांव मिरगैन के निचले क्षेत्रों में बसे करीब 80 घरों को एहतियातन खाली करवा लिया है। परिवार के सदस्यों को मिरगैन के सरकारी स्कूल में ठहराया गया।

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वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा गढ़पुर टापू के नजदीक टूटे तटबंध की मरम्मत कार्य पूरा करने पर कुछ राहत की सांस ली, जबकि समसपुर के पास टूटे तटबंध को जोड़ने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। अभी भी करीब 25 फुट लंबे तटबंध की मरम्मत कार्य बाकी था। जिसे पूरा करने में प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ही तटबंध की मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन एकाएक बीच में करीब 40 फुट गहरी खाई आ गई, जिसे पाटने में अतिरिक्त समय लग रहा हैं। जिला प्रशासन लगातार ग्रामीणों को आश्वास्त कर रहा है कि स्थिति कंट्रोल में हैं, घबराने की जरुरत नहीं हैं। इसी के चलते डीसी, एसपी ने संयुक्त रूप से शनिवार को गांव शेखपुरा सुहाना, रसूलपुर, चंडीपुर, मोहदिनपुर, शेखपुरा पुलिया, मिरगैन में इंद्री क्षेत्र से आ रहे बाढ़ के पानी की स्थिति का जायजा, पानी गंजोगढ़ी से होते हुए पीपलवाली, कैरवाली गांव के खाले से आगे गुजर जाएगा। यह पानी कहीं भी आबादी देह को प्रभावित नहीं करेगा, फिर भी ग्रामीणों को सचेत रहने की जरूरत है। विशेषकर जिन लोगों की गहराई में या खेतों में मकान या डेरे बनाए हुए हैं तथा गांव में कच्चे मकान हैं।

डीसी ने ग्रामीणों को आश्वास्त किया कि अब यमुना का पानी इंद्री के गांवों में नहीं आ रहा है, केवल जो पानी खेतों में खड़ा था, वही पानी बड़ागांव से बहता हुआ और कुंजपुरा से गुजरता हुआ रसूलपुर, शेखपुरा सुहाना से होकर मिरगैन तक पहुंच गया है। इस पानी में से अधिकांश पानी की मिरगैन में ही रूकने की संभावना है। लेकिन फिर भी जो पानी आगे बहेगा वह गंजोगढ़ी से गुजरने वाली इंद्री एस्केप के माध्यम से कैरवाली से होता हुआ आगे निकल जाएगा।

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