फील्ड में उतरेंगे 750 अधिकारी-कर्मचारी
धान की फसल तैयार होते ही किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रशासन अभी से सतर्क हो गया है। पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए 750 अधिकारियों-कर्मचारियों को फील्ड में उतारा गया है। कृषि विभाग ने फसल अवेशष प्रबंधन के दृष्टिगत सेटेलाइट से नजर रखना भी शुरू कर दिया है। कृषि विभाग की माने तो पिछले 2 साल में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है, जब तक ये घटनाएं शूल्य स्तर तक नहीं पहुंच जाती, तब तक निगरानी तंत्र लगातार मॉनिटरिंग करता रहेगा।
जिला प्रशासन के प्रयास व जिला करनाल में प्रगतिशील किसानों के सहयोग से पराली जलाने की हरसेक से प्राप्त होने वाली लोकेशन खरीफ सीजन 2022 में 301 दर्ज की गई थीं जो कि 2023 में घटकर 126 दर्ज की गई। वहीं खरीफ 2024 में केवल 95 दर्ज की गई है। खरीफ 2023 में रेड जोन गांवों की संख्या 10 व यलो जोन गांवों की संख्या 53 थी जो घटकर 2024 में रेड जोन गांवों की संख्या 1 व यलो जोन की संख्या 17 रह गई है।
खरीफ 2025 में इन घटनाओं को शून्य करने के लिए विभाग द्वारा सभी गांवों में किसानों के लिए जागरूकता शिविर भी आयोजित किए। प्रत्येक गांव में मुनियादी व धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के सहयोग से रैलियां व प्रभातफेरी निकाली जा रही हैं।
आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए उपायुक्त द्वारा जिला स्तरीय, तहसील एंव खंड स्तरीय, गांव स्तरीय कमेटी, एनफोर्समेंट टीम का गठन किया गया है। जिला स्तरीय एनफोर्समेंट टीम में अतिरिक्त उपायुक्त सहित जिले के 7 उच्च अधिकारी शामिल हैं। टीम में लगभग 750 अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो आगजनी की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ नियमानुसार कार्यवाही भी अमल में लायेंगे। नियमों की अवहेलना करने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी। पिछले वर्ष 2024-25 में पराली जलाने के दोषी 82 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई थी तथा जुर्माना भी वसूला गया था।
-डॉ. वजीर सिंह,कृषि उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करनाल