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भिवानी में शिक्षक सम्मान समारोह में 51 शिक्षकों को किया सम्मानित

भारत की गौरवमयी संस्कृति, गाथाएं और इतिहास का प्रतीक है हिंदी : विधायक घनश्याम सर्राफ
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शिक्षकों को सम्मानित करते हुए विधायक घनश्याम सर्राफ।- हप्र
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हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, जो कि समय के साथ धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है। जिसका श्रेय हिंदी अध्यापकों को ही जाता है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर देश की संस्कृति एवं संस्कारों की प्रतिबिंब हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले हिंदी शिक्षकों के सम्मान में रविवार को स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी धाम मंदिर में युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले धर्मार्थ ट्रस्ट के सहयोग से समारोह का आयोजन किया गया।

शिक्षक सम्मान समारोह में 51 हिंदी के शिक्षक सम्मानित

इस दौरान 51 ऐसे हिंदी अध्यापकों को सम्मानित किया गया, जिन्ही हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के साथ-साथ जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, नशा मुक्ति अभियान, स्वच्छता और सामाजिक समरसता जैसे जागरूकता कार्यक्रमों में भी सक्रियता से अपनी भूमिका निभाई। बालयोगी महंत चरणदास महाराज के सान्निध्य में आयोजित समारोह में बतौर मुख्यअतिथि विधायक घनश्याम सर्रापु ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिटी थान एसएचओ सत्यनारायण ने की तथा मंच का संचालन मनोज शर्मा ने किया।

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शिक्षक सम्मान समारोह में बोले महंत-हिंदी भारत की एकता का प्रतीक

इस मौके पर बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा कि हिंदी भारत की एकता व विविधता का प्रतीक व देश की संस्कृति एवं संस्कारों की प्रतिबिंब है। हिंदी हमारे संविधान की आधिकारिक भाषा है तथा हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता का समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढ़ंग से व्यक्त कर सकें।

इस मौके पर मुख्यअतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि हिंदी भाषा भारत की गौरवमयी संस्कृति, गाथाएं और इतिहास का प्रतीक है। हिंदी का सही ज्ञान हमें हमारे देश की धरोहर को समझने में मदद करता है और हमारे बच्चों को हमारे संस्कृति के मूल मूल्यों को सीखने में भी मदद करता है। इस मौके पर महात्मा ज्योतिबा फूले धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष रमेश सैनी ने कहा कि हिंदी देश के स्वतंत्रता आंदोलन की भाषा है।

‘हिंदी भारत की एकता, देशभक्ति, संस्कृति का प्रतीक’

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