34 वर्ष की नौकरी, हाईकोर्ट के आदेश, फिर भी विभाग ने नहीं दिखाई ‘दया’
चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिन्यू)
कुरुक्षेत्र की रहने वाली दया रानी पर हरियाणा सरकार की ‘दया’ नहीं हो रही है। लगभग 34 वर्षों तक बतौर शिक्षिका रहीं दया रानी को पेंशन व दूसरे वित्तीय लाभ अभी तक नहीं मिले हैं। उन्हें रिटायर हुए भी करीब 11 साल हो चुके हैं। वित्तीय लाभों व पेंशन के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो वहां से राहत भी मिल गई लेकिन विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों ने अभी तक फाइल को लटकाया हुआ है।
अपने अधिकारों के लिए लड़ रही दया रानी ने अब राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दरवाजा खटखटाया है। अहम बात यह है कि दया रानी की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन से जवाब भी तलब किया गया, लेकिन अधिकारियों ने आधी-अधूरी सूचना देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। रिटायरमेंट के बाद जब ग्रेच्युटी, लीव इन-कैशमेंट व पेंशन की बात आई तो यह कहकर उसे कोई लाभ नहीं दिया गया कि वे नियमित कर्मचारी नहीं थीं। इतना ही नहीं, थानेसर पंचायत समिति की ओर से विभाग के निदेशक को 6 सितंबर, 2024 को लिखे गए पत्र में दया रानी को कर्मचारी स्वीकार करते हुए आग्रह किया है कि उनके वित्तीय लाभ व पेंशन आदि का भुगतान करने के लिए पंचायत समिति को फंड दिया जाए। थानेसर के विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इस पत्र में विभाग निदेशक से 40 लाख 46 हजार 698 रुपये का फंड जारी करने का आग्रह किया है। इसमें हाईकोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया गया है।