कैमला में 3 एकड़ में धान की फसल बर्बाद, किसान ने फैक्टरी मालिक पर लगाया आरोप
गांव कैमला में पूंडरी रोड पर धान की फसल बर्बाद होने का मामला सामने आया है। किसानों का आरोप है कि खेतों के बीच बनी फैक्टरी से रिसने वाले पानी से 3 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में खड़ी फसल खराब हो गई। पीली और काली पड़ चुकी धान अब बेल देने की स्थिति में नहीं है। किसानों ने जब फैक्टरी मालिक से समाधान मांगा तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे नाराज किसान पुलिस को मौके पर ले आए। उन्होंने एसडीएम घरौंडा व अन्य संबंधित विभागों को लिखित शिकायत दी है। कैमला के किसान सुशील कुमार, दिनेश कुमार, धर्मबीर, भीम सिंह, राजीव, मुकेश कुमार, हरि सिंह, सतपाल सिंह, रमेश कुमार, हरीश, अंकित का कहना है कि भट्ठे के नजदीक बनी फैक्टरी से लगातार पानी रिसकर खेतों में जा रहा है। फैक्टरी में प्लास्टिक का काम होता है। मालिक को कई बार कहा गया कि पानी खेत में न जाए, लेकिन उसने केवल आश्वासन दिया कि दीवार के अंदर साइड में एक और छोटी दीवार बना देगा। कई बार याद दिलाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। किसानों का कहना है कि कई ने जमीन ठेके पर ले रखी है। अगर पूरी फसल नष्ट हो गई तो उनकी सालभर की मेहनत पर संकट आ जाएगा। उन्होंने बताया कि फैक्टरी मालिक को यहां तक कहा कि एक बार खेतों में आकर खुद स्थिति देख ले, लेकिन वह कभी मौके पर नहीं आया। किसानों ने डायल-112 पर कॉल की। जिसके बाद ईआरवी-416 मौके पर पहुंची और पुलिस इंचार्ज बीरबल ने किसानों से उनकी समस्या सुनी। आक्रोशित किसानों ने अब इस मामले में प्रदूषण विभाग, कृषि विभाग और जिला उपायुक्त करनाल को शिकायत देने का निर्णय लिया है। बृहस्पतिवार को पीड़ित किसानों ने एसडीएम घरौंडा राजेश कुमार सोनी को भी मामले की जानकारी दी। एसडीएम ने कहा कि किसानों ने शिकायत दी है। आरोपों की जांच करवाई जाएगी।
फैक्टरी मालिक बोला- यह गोदाम है, फैक्टरी नहीं
वहीं दूसरी तरफ फैक्टरी मालिक अमन मित्तल ने किसानों के आरोपों से इनकार किया। उनका कहना है कि यह कोई फैक्टरी नहीं है, बल्कि सिर्फ एक गोदाम है, जहां प्लास्टिक की क्रेट और कंबल रखे जाते हैं। उन्होंने साफ कहा कि यहां किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता और न ही कोई मशीन प्रयोग में लाई जाती है।