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मारकंडा नदी में फिर आया 20,600 क्यूसिक पानी, खतरे के निशान से 35 सेंमी. नीचे बह रहा

ग्रामीण बोले- फसलें जलमग्न, सड़कें टूटी, अफसर एक बार भी नहीं पहुंचे
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शाहाबाद के गांव कठवा में खेतों में जमा पानी। -निस
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मारकंडा नदी में शुक्रवार रात कालाअम्ब, रून नदी, वेगना नदी का पानी शाहाबाद पहुंचा और आज समाचार लिखे जाने तक मारकंडा में 20,600 क्यूसिक पानी बह रहा था। यह पानी खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है। गेज रीडर रविंद्र ने बताया कि रात 12 बजे मारकंडा में बरसाती पानी फिर आना शुरू हो गया। उनके अनुसार कालाअम्ब में 37 हजार, रून नदी में 34 हजार, वेगना नदी में 26 हजार व मुलाना में 51 हजार क्यूसिक पानी बह रहा था।

शाहाबाद के गांव कठवा में सड़क पर बहते पानी से गुजरते लोग। -निस

उम्मीद लगाई जा रही थी कि यह लेवल 30 हजार से ऊपर जा सकता है, लेकिन रास्तों में कटावों के कारण पानी बंट गया और यहां पर पानी कम पहुंचा। वहीं दूसरी ओर जलभराव से कई गांवों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कठवा व तंगौर में कई डेरों में पानी घुसने की सूचना मिली है। आवाजाही बिल्कुल बंद है, सड़कों पर पानी बह रहा है और सैकड़ों एकड़ में फसलें बर्बाद हो गईं। गांव कठवा के पूर्व सरपंच अमरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी सुध लेने के लिए अभी तक प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। सरपंच सुखविंद्र कौर व गांव तंगौर के सरपंच सचिन कुमार ने बताया कि सड़कों पर पानी बह रहा है, सड़कें टूट गई हैं और स्कूलों में भी पानी भरा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन को ग्रामीणों से कोई सरोकार नहीं है और किसी भी अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।

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