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2 मीटर की वाल बचाएगी हथिनी कुंड बैराज की जान

प्रदेश सरकार ने जारी किये 146 करोड़, काम शुरू

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यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज पर चल रहा निर्माण कार्य। -हप्र
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सुरेंद्र मेहता/हप्र

यमुनानगर, 5 फरवरी

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हथिनीकुंड बैराज का रिवर बेड लगातार नीचे जा रहा था, जिसके चलते स्ट्रक्चर को खतरा पैदा होने लगा था। अगर यमुना में पानी ज्यादा आता तो बैराज को भारी क्षति हो सकती थी। इसी को लेकर लंबे समय से सिंचाई विभाग के अधिकारी चिंतित थे। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीडब्ल्यूसी के पास फरियाद लगाई। पुणे की एजेंसी ने मुआयना किया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने डिजाइन तैयार करके सिंचाई विभाग को सौंप दिया। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस कार्य के लिए 146 करोड़ की राशि अलाट कर दी। अधिकारियों ने तुरंत मुख्यमंत्री के आदेश के बाद टेंडर लगाएं जो 146 करोड़ रुपए में नोएडा की शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम अलाॅट हुआ। कंपनी ने युद्ध स्तर पर इस काम को शुरू कर दिया है। 30 जून से पहले इस कार्य को पूरा किया जाना है। सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आईएस मित्तल ने बताया कि जब बैराज का निर्माण हुआ उस समय हथिनी कुंड का रिवर बेड 329 मीटर था और वह धीरे-धीरे 314 मीटर पर आ गया यानी 15 मीटर का अंतर आ गया। इसी के चलते हथिनी कुंड बैराज स्ट्रक्चर को खतरा पैदा होने लगा था। अधिकारियों की निगरानी में वाल का निर्माण किया जा रहा है, कार्य की गुणवत्ता के लिए अधिकारी लगातार तैनात रहते हैं। उल्लेखनीय है कि हथिनी कुंड बैराज के माध्यम से देश के पांच राज्यों को पानी की सप्लाई होती है। बैराज से संबंधित जो भी मामला होता है वह सीडब्ल्यूसी के पास ही जाता है। इसीलिए इस मामले में सीडब्ल्यूसी के आदेश के बाद बैराज के स्ट्रक्चर को बचाने का काम शुरू कर दिया गया है। याद रहे 1998 में तत्कालीन बंसीलाल सरकार ने हथिनीकुंड बैराज का रिकॉर्ड 3 वर्ष में निर्माण करवाया था। जब ताजेवाला हेडवर्क्स 1978, 1998 की बाढ़ के बाद बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। ताजेवाला हेडवर्क्स 128 वर्ष तक अपनी सेवाएं देता रहा। जबकि हथिनी कुंड बैराज 24 वर्षों में ही क्षतिग्रस्त होने लगा था। जिसको लेकर उसे बचाने के लिए 146 करोड़ की लागत से कार्य किया जा रहे हैं।

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अगले 50 साल तक सुरक्षित रहेगा स्ट्रक्चर

सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आईएस मित्तल ने बताया कि भारत में यह पहली बार दो मीटर की सेफ्टी वाल बनेगी जो हथिनी कुंड बैराज स्ट्रक्चर के लिए बनाई जाएगी। यह 21 मीटर गहरी होगी और 2 मीटर चौड़ी होगी। इससे पहले बैराज के स्ट्रक्चर की सेफ्टी के लिए डेढ़ मीटर की वाल बनाई जाती रही है। पहली बार 2 मीटर की वॉल बनाई जा रही है ताकि आने वाले 40 से 50 वर्षों तक बैराज को कोई नुकसान न हो।

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