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Demand For New Barracks : जींद जेल में 1048 की क्षमता भी पड़ रही कम, 2 नयी बैरक बनाने का प्रस्ताव

1080 Prisoners Are in The Jind District Jail
जींद के जिला कारागार में कैदियों और बंदियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर 2 नयी बैरकों के निर्माण का प्रपोजल भेजा गया है।- हप्र
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जींद, 24 दिसंबर (जसमेर मलिक/हप्र): जिला कारागार में बंदियों और कैदियों के लिए (Demand For New Barracks) कम पड़ती जगह के मद्देनजर जेल प्रशासन ने 2 नयी बैरकों के निर्माण का प्रस्ताव मुख्यालय को मंजूरी के लिए भेजा है। इसे मंजूरी मिलने के बाद जिला कारागार की क्षमता 1500 कैदियों और बंदियों को रखने की होगी।

कभी 400 थी जेल की क्षमता

गोहाना रोड स्थित जींद की जिला कारागार की क्षमता 1048 कैदियों और बंदियों को रखने की है। इस समय जिला कारागार में लगभग 1080 कैदी और बंदी हैं। इनमें महिला कैदी भी शामिल हैं। जिला कारागार में कैदियों और बंदियों की बढ़ती संख्या तथा इनके लिए कम पड़ती जगह के मद्देनजर जिला कारागार प्रशासन ने जेल विभाग के मुख्यालय को जेल में 2 नयी बैरकों का निर्माण करवाने का प्रस्ताव भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिला कारागार में इसकी क्षमता से ज्यादा कैदी और बंदी हैं। जिला कारागार में दो नई बैरकों का निर्माण करवाना जरूरी हो गया है।

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जींद के जिला कारागार में कैदियों और बंदियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर 2 नयी बैरकों के निर्माण का प्रपोजल भेजा गया है।- हप्र
Demand For New Barracks-हिसार भेजी जाती थीं महिला कैदी-बंदी

जींद की जिला कारागार की क्षमता कभी केवल 400 कैदियों और बंदियों को रखने की थी। उस समय जिला कारागार में कैदियों और बंदियों की संख्या कम थी। महिला कैदियों या बंदियों को हिसार भेजना पड़ता था। बाद में जींद की जिला कारागार की क्षमता बढ़ाकर 700 की गई थी। 700 कैदियों की क्षमता भी कम पड़ी। जिला कारागार में कैदियों और बंदियों की संख्या बढ़ती गई। इसे देखते हुए कुछ समय पहले जिला कारागार की क्षमता 700 से बढ़कर 1048 की गई थी। अब यह भी कम पड़ रही है।

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2 नयी बैरकों का हो रहा निर्माण

जिला कारागार अधीक्षक संजीव बुधवार का कहना है कि जिला कारागार में 2 नयी बैरकों का करोड़ों रुपए की लागत से निर्माण हो रहा है। पुरानी बैरकों की रिपेयर करवाई जा रही है। इसके अलावा जिला कारागार में 2 नयी बैरकों के निर्माण का प्रपोजल जेल विभाग के मुख्यालय को भेजा गया है। जेल महानिदेशक अकील मोहम्मद का प्रयास है कि जेल में बंद कैदियों और बंदियों को पर्याप्त सुविधाएं मिलें।

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