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राजस्व मंत्री नेगी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

रामपुर बुशहर, 8 जुलाई (हप्र) गोविंद वल्लभ पंत राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय रामपुर बुशहर के सभागार में आज रामपुर बुशहर विकास खंड की 37 ग्राम पंचायतों व वन अधिकार समितियो के प्रधानों व सचिवों के लिए वन अधिकार अधिनियम-2006 को लेकर...
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रामपुर बुशहर, 8 जुलाई (हप्र)

गोविंद वल्लभ पंत राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय रामपुर बुशहर के सभागार में आज रामपुर बुशहर विकास खंड की 37 ग्राम पंचायतों व वन अधिकार समितियो के प्रधानों व सचिवों के लिए वन अधिकार अधिनियम-2006 को लेकर एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राजस्व, बागवानी , जनजातीय विकास एवं जन शिकायत मंत्री जगत सिंह नेगी ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम-2006 व वन अधिकार कानून-2006 एफसीए के बारे में जानकारी दी।

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परंपरागत वनवासी के सदस्य या समुदाय जो 13 सितंबर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों (75 साल ) से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हैं, वन भूमि का उपयोग अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरत के लिए करते हैं, वन या वन भूमि पर निर्भर हैं उन्हें व्यक्तिगत, सामुदायिक व सामुदायिक वन संसाधनों की सुरक्षा एवं प्रबंधन का अधिकार है।

उन्होंने बताया कि वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इस कानून के तहत विभिन्न स्तरों जैसे गांव, उप मंडल, जिला व राज्य स्तर पर समितियों का गठन करने का प्रावधान है और हर समिति को भूमिका व जिम्मेदारी दी गई है।

राजस्व मंत्री ने वन अधिकार कार्यशाला में बताया कि वन अधिकार कानून लोगों की वन भूमि पर आधिकारिक आजीविका को सुरक्षा देने के साथ-साथ ग्राम सभा को सामुदायिक व वन संसाधनों की सुरक्षा संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार एवं जिम्मेदारी भी देता है। उप मंडल अधिकारी (नागरिक) हर्ष अमरेन्द्र सिंह, डीएसपी नरेश शर्मा, खंड विकास अधिकारी राजेंद्र नेगी , तहसीलदार परीक्षित कुमार, प्रदेश इंटक उपाध्यक्ष बिहारी सेवगी, वन मंडलाधिकारी गुर हर्ष सिंह , प्रताप नेगी, राजेश गुप्ता, डीडी कश्यप व अन्य उपस्थित रहे। नेगी ने इस अवसर पर लोगों की समस्याएं भी सुनी।

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